Nivesh Ka Funda: मौजूदा स्थिति में ट्रेड लेना सही या लंबी अवधि में जारी रखें निवेश? अनिल सिंघवी संग जानिए पते की बात
Nivesh Ka Funda: भारतीय बाजार ने लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न दिए हैं. यहां तक कि अमेरिकन मार्केट से भी अच्छे रिटर्न दिए हैं. इसलिए भारतीय निवेशकों के लिए इंतजार करने की सलाह है, उन्हें बेचना नहीं चाहिए.
Nivesh Ka Funda: अगर आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) इन्वेस्टर हैं या लंबे समय के लिए इक्विटी में पैसा (equity investers) लगाते हैं तो अभी के मौजूदा हालात में आपके मन में यह चलता होगा कि आखिर ग्लोबल अनिश्चितताओं से भरे इस माहौल में क्या किया जाए? इन्हीं सवालों को लेकर ज़ी बिज़नेस (ZEE BUSINESS) के मैनेजिंग एटिडर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) के साथ बातचीत में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के सीनियर डायरेक्टर और CIO मिहिर वोरा ने निवेशकों के उलझन को दूर करने की कोशिश की है.
इंतजार करने की सलाह
वोहरा कहते हैं कि भारतीय बाजार ने लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न दिए हैं. यहां तक कि अमेरिकन मार्केट से भी अच्छे रिटर्न दिए हैं. इसलिए भारतीय निवेशकों के लिए इंतजार करने की सलाह है, उन्हें बेचना नहीं चाहिए. निवेशकों को एसआईपी या दूसरे ऑप्शन में पहले से करते आ रहे तय निवेश को बनाए रखना चाहिए. लंबी अवधि के लिए निवेश बनाए (Nivesh Ka Funda) रखें. वोहरा कहते हैं कि घरेलू इकोनॉमी से जुड़े सेक्टर्स से काफी उम्मीदें हैं. मौजूदा स्थिति में ट्रेड लेने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
फिलहाल लार्ज कैप है बेहतर
जो लोग इक्विटी में पैसा (equity investment) लगाना चाहते हैं उनको लॉर्ज कैप फंड पर फोकस करने की सलाह है. वोहरा कहते हैं कि अगर शॉर्ट टर्म यानी छह महीने या एक साल के लिए अगर देखें तो जो वैल्युएशन लार्ज कैप में है वह फिलहाल मिडकैप या स्मॉल कैप के मुकाबले बेहतर है. दुनियाभर में अभी की अनिश्चितता के बीच आपके पोर्टफोलिया में क्या होना चाहिए, इसे भी समझना जरूरी है. वोहरा कहते हैं कि इन्वेस्टर्स को इंटरनेशनल फंड की जगह फिलहाल डोमेस्टिक फंड्स पर तीन से पांच साल के लिए फोकस करना चाहिए.
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कमोडिटी पर क्या है राय
कमोडिटीज को लेकर वोहरा कहते हैं कि पिछले एक साल में देखें तो इस सेक्टर में काफी शॉर्टेज देखने को मिली है. कई वजहों से सप्लाई चेन में अड़चनें आई हैं. उनका कहना है कि कमोडिटीज एक टेक्टिकल मूव है. अगर हम ऐसा सोचें कि पांच साल के लिए स्टील या कोई कमोडिटी स्टॉक ले लेंगे तो हमें बेहतर रिटर्न मिलेगा ही, ऐसा तो नहीं लगता. निवेशक अपने पोर्टफोलियो में इन आउट करते रहें. हालांकि सोना एक अलग क्लास है. लेकिन पिछले दो साल में जितना इस परफॉर्म करना चाहिए, उतना नहीं किया है. लेकिन सोने का रोल जरूर रहेगा.