Nifty Outlook: शेयर बाजार में चार दिनों से तेजी जारी है. इस हफ्ते निफ्टी में 1.2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 22040 पर बंद हुआ. स्मॉलकैप फ्लैट रहा और मिडकैप इंडेक्स में 0.9 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. ऑटो इंडेक्स में सबसे ज्यादा 5% और ऑयल इंडेक्स में 3.1% की तेजी दर्ज की गई. शुक्रवार को FII ने 253 करोड़ और DII ने 1571 करोड़ की खरीदारी की. M&M टॉप गेनर रहा और इसमें 11.5% की तेजी रही. हिंडाल्को टॉप लूजर रहा और इसमें 12.8% की गिरावट रही.

Nifty फिर से नई तेजी को तैयार

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SBI सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 26 अक्टूबर 2023 को निफ्टी 18838 का लो बनाया था. उसके बाद 56 ट्रेडिंग सेशन में यह 17% उछल गया. 16 जनवरी को निफ्टी ने 22124 का न्यू हाई बनाया. उसके बाद से यह कंसोलिडेट कर रहा है. टेक्निकल स्ट्रक्चर बुलिश सेंटिमेंट की तरफ इशारा कर रहा है. ज्यादातर इंडेक्स ऑल टाइम हाई पर कारोबार कर रहे हैं. अगर निफ्टी 22150-22200 की तरफ सस्टेन करता है तो बड़ी रैली देखने को मिलेगी और यह 22500 की तरफ बढ़ेगा. उसके बाद यह 22700 की तरफ मूव करेगा. 21749  पर इमीडिएट सपोर्ट बना हुआ है.

निफ्टी के लिए कहां है इमीडिएट सपोर्ट?

HDFC सिक्योरिटीज के रीटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि अमेरिकी इकोनॉमी डेटा के बाद रेट कट की उम्मीद फिर से मजबूत हुई है. निफ्टी के लिए इमीडिएट आधार पर 22126-22280 पर अवरोध है. 21616 पर सपोर्ट बना हुआ है. फ्रेश ट्रिगर के बाद ही बाजार न्यू हाई की तरफ जाएगा. ब्रोकरेज के टेक्निकल रिसर्च ऐनालिस्ट नागराज शेट्टी ने कहा कि निफ्टी इस समय 22125 के इमीडिएट हर्डल के पास है. रिवर्सल पैटर्न नहीं दिख रहा है. इमीडिएट आधार पर 21920 पर निफ्टी के लिए सपोर्ट बना हुआ है.

अपवार्ड मूवमेंट में जानें अगला टारगेट कहां है

एंजल वन के टेक्निकल ऐनालिस्ट राजेश भोसले ने कहा कि निफ्टी ने फिर से 22 हजार का स्तर पार कर लिया है. अगले हफ्ते शुरुआत कारोबारी सत्रों में बाजार के मूवमेंट से आगे का रास्ता साफ होगा. 22100 - 22150 के रेंज में बाजार क्या मूवमेंट दिखाता है, वह महत्वपूर्ण होगा. अगर अपवार्ड मूवमेंट बनता है तो नई रैली की शुरुआत होगी जो 22380 - 22500 तक जा सकता है. निफ्टी के लिए 21950 पर इमीडिएट सपोर्ट है जिसके बाद 21800 पर सपोर्ट बना हुआ है. उसके नीचे 21550 - 21500 के स्तर पर क्रूशियल सपोर्ट बना हुआ है. कोई बड़ा डोमेस्टिक इवेंट नहीं है. ऐसे में ग्लोबल मार्केट और ग्लोबल इवेंट्स का असर ज्यादा होगा.