Mutual Fund: ज्यादा रिस्क लेने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर, SEBI कर रहा है बड़ी तैयारी
Mutual Fund Investment: सेबी ने कहा कि वो 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश लायक फंड वाले निवेशकों के लिए निवेश के नये विकल्प तैयार करने पर विचार कर रहा है. इसका मकसद म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवाओं (PMS) के बीच अंतर को पाटना है.
Mutual Fund Investment: निवेश में ज्यादा जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए सेबी का नए एसेट क्लास का प्रस्ताव दिया है. ये नया एसेट क्लास म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस के बीच होगा. नए एसेट क्लास में कम से कम निवेश की सीमा 10 लाख रुपये रखने का प्रस्ताव दिया गया है. ऐसी मंशा है कि अभी बहुत सी अनरजिस्टर्ड चलने वाली स्कीम से लोगों को बचाया जा सके.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को कहा कि वो 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश लायक फंड वाले निवेशकों के लिए निवेश के नये विकल्प तैयार करने पर विचार कर रहा है. इसका मकसद म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवाओं (PMS) के बीच अंतर को पाटना है. निवेश का नया उत्पाद निवेशकों की उभरती श्रेणी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक विनियमित जरिया उपलब्ध कराएगा. यह उत्पाद अधिक लचीला और उच्च जोखिम लेने की क्षमता वाली विशेषता से युक्त होगा.
कैसा होगा नया एसेट क्लास
नए एसेट क्लास की ब्रांडिंग म्यूचुअल फंड से अलग करनी होगी. इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी के तौर पर ऐसे प्रोडक्ट म्यूचुअल फंड ला सकेंगे, कम से कम 3 साल का अनुभव और 10,000 करोड़ AUM (asset under management) वाले फंड ही ऐसे प्रोडक्ट ला सकेंगे. सेबी की तरफ से फंड हाउस के खिलाफ गंभीर कार्रवाई न होने की भी शर्त रखी गई है. बता दें कि अभी PMS में निवेश के लिए कम से कम 50 लाख की शर्त जबकि AIF में निवेश के लिए कम से कम 1 करोड़ रुपये निवेश की शर्त है.
(एजेंसी से इनपुट के साथ)