जब भी कमाई की बात आती है तो हमेशा ये कहा जाता है कि जो जितना ज्यादा एक्टिव रहेगा, उतनी ज्यादा कमाई करेगा, लेकिन निवेश के मामले में ये बात थोड़ी अलग है. म्यूचुअल फंड (MUTUAL FUND) में निवेश के दौरान आपका ज्यादा एक्टिव रहना रिटर्न कम कर सकता है, बल्कि आलसी बने तो आप रिटर्न को बढ़ाने में खुद की मदद कर सकते हैं तो निवेश में आलसी बनने का क्या है मतलब? कैसे आप निवेश में आलसी बनकर कर सकते हैं कमाई? आइए इस मुद्दे पर कंप्लीट सर्किल कंसल्टेंट्स के को-फाउंडर क्षितिज महाजन से विस्तार से जानते हैं.

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आलस कैसे कराएगा कमाई?

म्यूचुअल फंड निवेश में आलसी बनना बेहतर

आलसी बनना आपको दिला सकता है बेहतर रिटर्न

आलसी बनने का मतलब है ज्यादा एक्टिव न रहना

लंबी अवधि का निवेश करना, निवेश बनाए रखना

बाजार की चाल का असर निवेश पर नहीं पड़ने देना

निवेश कर के भूल जाओ

निवेश पर लगातार नजर बनाए नहीं रखना चाहते हैं

ऐसे में लंबी अवधि के लिए निवेश करना बेहतर

लंबी अवधि का निवेश कर हो सकते हैं चिंतामुक्त

लंबी अवधि में निगेटिव रिटर्न हो जाता है एडजस्ट

लंबे समय के लिए निवेश करने पर ज्यादा फायदा

निवेश में कम जोखिम और होती है कम चिंता

ऑटोमैटिक मोड में निवेश

हर महीने निवेश करने के झंझट से बचना है

ऐसे में निवेश को ऑटोमैटिक करना है बेहतर

एकमुश्त निवेश की बजाय SIP शुरू करें

बैंक खाते से खुद कटेगी रकम, आप रहेंगे निश्चिंत

निवेश भी जारी रहेगा, SIP का फायदा भी मिलेगा

SIP निवेश से फायदे

नियमित निवेश से लंबी अवधि में फायदेमंद

बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए फायदेमंद

SIP से निवेश में जोखिम कम रहता है

SIP से कंपाउंडिंग का फ़ायदा मिलता है

मार्केट में गिरावट होने पर मिलते हैं ज्यादा यूनिट

SIP लक्ष्य हासिल करने के लिए अच्छा

पोर्टफोलियो के डाइवर्सिफिकेशन में मददगार

भविष्य में SIP की रकम को बढ़ा भी सकते हैं

बाजार के उतार-चढ़ाव से निडर

कई लोग बाजार की चाल पर रखते हैं नजर

बाजार में उतार-चढ़ाव से अक्सर घबरा जाते हैं

कई उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश रोक देते हैं

बाजार की चाल देखकर निवेश बदलने से बचें

बाजार को लेकर जब आप बनते हैं आलसी

बाजार की हर चाल पर नहीं करते रिएक्ट

ऐसे में निवेश को लेकर आपको नहीं होगी चिंता

लंबी अवधि में उतार-चढ़ाव हो जाएगा एडजस्ट

पोर्टफोलियो रिव्यू करने की जल्दी नहीं

आप हमेशा पोर्टफोलियो पर नजर नहीं बनाए रखना चाहते

हर दूसरे दिन पोर्टफोलियो चेक करना का झंझट नहीं चाहिए

पोर्टफोलियो को लेकर ये आलस दिलाएगा आपको फायदा

पोर्टफोलियो को 6 महीने, साल भर में रिव्यू करना सही

कुछ वक्त बाद रिव्यू करने पर फंड का प्रदर्शन आंकना आसान

रिव्यू करते वक्त देख सकते हैं फंड का प्रदर्शन, कर सकते हैं बदलाव

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लक्ष्यों की चिंता से मुक्त हो जाएं

आपके अलग-अलग फाइनेंशियल गोल हैं

बच्चों की पढ़ाई, शादी से लेकर वैकेशन का

लक्ष्यों के लिए पैसे जुटाने की चिंता से हों मुक्त

लक्ष्य आधारित निवेश की रणनीति अपनाएं

लक्ष्य के लिए अवधि तय कर चिंता को दूर भगाएं

लक्ष्य आधारित निवेश और सही फंड चुनें

दूर होगी लक्ष्यों के पूरे होने की चिंता

 

निवेश में ओवर एक्टिव सही नहीं

निवेश को लेकर कभी भी ओवर एक्टिव न हों

पल-पल पोर्टफोलियो चेक करना सही रणनीति नहीं

ओवर एक्टिव निवेशक घबरा जाता है बाजार की चाल से

कई बार हड़बड़ी में लेता है निवेश को लेकर फैसले

ओवर एक्टिव होने से मुनाफा घटेगा, होगा नुकसान भी.