₹5600 करोड़ के NSEL घोटाले में पूर्व FMC चेयरमैन रमेश अभिषेक की बढ़ सकती है मुश्किल, MPID कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) पेमेंट डिफॉल्ट मामले पर बड़ा अपडेट आया है. घोटाले पर महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स यानी MPID कोर्ट, मुंबई ने एक आदेश जारी किया है.
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) पेमेंट डिफॉल्ट मामले पर बड़ा अपडेट आया है. घोटाले पर महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स यानी MPID कोर्ट, मुंबई ने एक आदेश जारी किया है. इसमें इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग यानी EWO को कहा गया है कि मामले में पूर्व FMC चेयरमैन रमेश अभिषेक की भूमिका की जांच की जाए. एक्सचेंज के मुताबिक EOW, मुंबई को 40 दिन के भीतर रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कहा गया है. बता दें कि NSEL घोटाला 5600 करोड़ रुपए का है.
जांच में निष्पक्षता की मांग
NSEL की ओर से फाइल एक एप्लिकेशन में कहा गया है कि EOW ने दिसंबर, 2022 में फाइनल चार्जशीट फाइल किया था. लेकिन इस घोटाले में FMC और अभिषेक की भूमिका की जांच नहीं हुई थी. NSEL के MD और CEO नीरज शर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अभिषेक की भूमिका की जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी. साथ ही उनके एक्टिव न होने की मंशा का भी पता लगाया जाएगा.
गलत सलाह से पैदा हुआ संकट
एक्सचेंज की ओर जारी बयान में यह दावा किया गया है कि इतने बड़े घोटाले की वजह फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (FMC) के चेयरमैन की DCA को दी गई गलत सलाह है. इसमें FCRA के तहत छूट की कुछ शर्तों को तोड़ा गया था. इससे कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट यानी DCA ने अप्रैल, 2012 में शो कॉज नोटिस यानी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.
नोटिस के डीटेल्ड रिप्लाई और फॉलो अप कार्रवाई के बावजूद जुलाई, 2013 तक कारण बताओ नोटिस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. जब एक्सचेंज ने अचानक काम बंद करने को कहा तब पेमेंट डिफॉल्ट क्राइसेज पैदा हो गई. NSEL ने कहा कि आज तक कारण बताओ नोटिस बिना फैसले का ही अटका हुआ है.
अभिषेक के नरम रवैये से हुआ नुकसान
मामले में एक बार फिर जान आई जब सरकार ने मामले के निपटारे के लिए गजट नोटीफिकेशन के जरिए अगस्त, 2013 में FMC और अभिषेक को पावर दी. लेकिन इसका फायदा नहीं हुआ. NSEL ने अपने बयान में कहा कि सरकार की ओर से मिली शक्तियों के बावजूद अभिषेक की ओर से मामले को निपटाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए.
जबकि उनके नरम रवैये से डिफॉल्टर्स ने अपने पैसे निकाल लिए. इसके चलते पैसों के असल दावेदार को चुकाने के लिए उनसे रिकवरी करना मुश्किल हो गया. फिलहाल एक दशक से दावेदार अब तक बकाए का इंतजार कर रहे हैं.
'ब्रोकर्स के खिलाफ नहीं लिया फैसला'
एक्सचेंज ने दावा किया कि अभिषेक ने ब्रोकर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया. जबकि EOW, मुंबई ने ब्रोकर्स के गलत कामों की रिपोर्ट दी थी. NSEL ने बयान में कहा कि अभिषेक ने इस संकट को और बड़ा बनाया. वे इस संकट को ठीक करने की स्थिति में होते हुए भी इसे बढ़ावा दिया.
मामले में 220 आरोपी, 11 चार्जशीट फाइल
NSEL घोटाले पर इस महीने की शुरुआत में स्पेशल MPID कोर्ट ने आनंद राठी कमोडिटीज, जियोजीत कॉमट्रेड और इंडिया इंफोलाइन कमोडिटीज समेत 7 कंपनियों के डायरेक्टर्स को मामले में आरोपी ठहराया था. ये सभी NSEL केस में ट्रायल फेस करेंगे. बता दें कि अब तक इस मामले में आरोपियों की संख्या 220 तक पहुंच गई है. इस घोटाले में EOW ने अबतक 11 चार्जशीट फाइल किया है.
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