अनाज की पैदावार बढ़ाने की कवायद में जुटी सरकार, उत्पादन में मामूली गिरावट का अनुमान
देश में मॉनसून की दस्तक के साथ ही खरीफ सीजन की बुआई का काम शुरू हो जाएगा. पंजाब में धान की बुआई 13 जून से और उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा में बारिश के मुताबिक जून के अंत या जुलाई के शुरू में धान की रोपाई का काम होने लगेगा.
देश में मॉनसून की दस्तक के साथ ही खरीफ सीजन की बुआई का काम शुरू हो जाएगा. पंजाब में धान की बुआई 13 जून से और उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा में बारिश के मुताबिक जून के अंत या जुलाई के शुरू में धान की रोपाई का काम होने लगेगा. हालांकि इस बार मौसम वैज्ञानियों ने कम बारिश होने का अनुमान जारी किया है. कम बारिश होने से अनाज के उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा. इसलिए सरकार ने अपने स्तर पर अनाज उत्पादन में गिरावट नहीं होने के उपाय किए हैं. कहीं सिंचाई के लिए बिजली की ज्यादा से ज्यादा आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है तो कहीं इंजन चलाने के लिए डीजल पर सब्सिडी का प्रावधान किया जा रहा है.
इस कवायद के बाद भी सरकार ने उत्पादन में मामूली गिरावट का अनुमान जारी किया है. चावल और गेहूं फसल के रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद दलहन और मोटे अनाज उत्पादन में गिरावट की वजह से देश का खाद्यान्न उत्पादन मामूली रूप से घटकर फसल वर्ष 2018-19 में 28 करोड़ 33 लाख 70 हजार टन रह जाने का अनुमान है. सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. इससे पहले फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में खाद्यान्न (चावल, गेहूं, मोटे अनाज और दालों) का उत्पादन 28 करोड़ 50 लाख्र टन हुआ था.
बढ़ेगा चावल का उत्पादन
वर्ष 2018-19 के लिए प्रमुख फसलों के उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमानों को जारी करते हुए, कृषि मंत्रालय ने कहा कि फसल वर्ष 2017-18 में हासिल किये गये 11 करोड़, 27 लाख, 60 हजार टन के पिछले रिकॉर्ड उत्पादन के स्थान पर वर्ष 2018-19 के दौरान चावल उत्पादन 11 करोड़, 56 लाख, 30 हजार टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर होने का अनुमान है. गेहूं का उत्पादन भी पिछले वर्ष के नौ करोड़ 98 लाख 70 हजार टन को लांघता हुआ रिकॉर्ड 10 करोड़, 12 लाख टन होने का अनुमान है.
मोटे अनाज में गिरावट
हालांकि, फसल वर्ष 2017-18 में मोटे अनाज का उत्पादन 2017-18 के रिकॉर्ड चार करोड़, 69 लाख, 70 हजार टन से घटकर चार करोड़ 33 लाख 30 हजार टन रह जाने का अनुमान है. दलहन उत्पादन भी पहले के रिकॉर्ड दो करोड़ 54 लाख 20 हजार टन से घटकर दो करोड़ 32 लाख 20 हजार टन रह जाने का अनुमान है.
गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहन उत्पादन तीन करोड़ 14 लाख 20 हजार टन पर लगभग अपरिवर्तित रहने का अनुमान है, जो उत्पादन पिछले वर्ष तीन करोड़ 14 लाख, 50 हजार टन हुआ था.
कपास का उत्पादन पिछले वर्ष के तीन करोड़ 28 लाख गांठ से घटकर वर्ष 2018-19 में दो करोड़ 75 लाख, 90 हजार गांठ रह जाने की संभावना है. कपास की एक गांठ 170 किलोग्राम की होती है. पिछले वर्ष के 37.99 करोड़ टन के मुकाबले गन्ने का उत्पादन रिकॉर्ड 40 करोड़, 03 लाख, 70 हजार टन होने का अनुमान है. जूट और मैस्टा का उत्पादन पहले के एक करोड़ 30 हजार गांठ के मुकाबले घटकर 97.9 लाख गांठ (प्रत्येक गांठ 180 किलो) रहने का अनुमान है.
धान की सिंचाई के लिए 8 घंटे बिजली की सप्लाई
पंजाब सरकार ने राज्य में धान उत्पादकों को दैनिक आधार पर आठ घंटे की बिजली आपूर्ति का आश्वासन दिया. यह आश्वासन 13 जून से शुरू होने वाले बुवाई मौसम के दौरान के लिए है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सरकारी स्वामित्व वाली बिजली उपक्रमों, पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) और पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन (पीएसटीसीएल) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. उन्होंने पीएसपीसीएल और पीएसटीसीएल को राज्य के सभी क्षेत्रों में गर्मी और धान के मौसम के दौरान चौबीसों घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
(इनपुट भाषा से)