Stock Tip Scam: ₹1500 करोड़ के घोटाले का Mastermind 'Hanif Shekh' भारत से फरार, दुबई में कर रहा ऐश!
Stock Tip Scam: पिछले 4 साल में सबसे बड़े 'pump-and-dump' शेयर मार्केट (Stock Market) का संचालन करने वाला रेगुलेटर यानि SEBI के रडार पर थे. अब ताजा अपडेट ये है कि इस पूरे स्कैम (Scam) का मास्टरमाइंड हनीफ शेख (Hanif Shekh) भारत से फरार है.
स्कैम (Scam) का मास्टरमाइंड हनीफ शेख (Hanif Shekh) भारत से फरार है और दुबई में ऐशो आराम की जिंदगी बिता रहा है. (PC: Instagram)
स्कैम (Scam) का मास्टरमाइंड हनीफ शेख (Hanif Shekh) भारत से फरार है और दुबई में ऐशो आराम की जिंदगी बिता रहा है. (PC: Instagram)
Stock Tip Scam: हनीफ शेख (Hanif Shekh), गुजरात के रहने वाला ये शख्स कोई और नहीं बल्कि 1500 करोड़ रुपए के घोटाले का मास्टरमाइंड (Mastermind) है. मार्केट और स्टॉक्स (Stocks) में हेरफेर करने के मामले में SEBI की मोस्ट वॉन्टेड (Most wanted) लिस्ट में शुमार है. पिछले 4 साल में सबसे बड़े 'pump-and-dump' शेयर मार्केट (Stock Market) का संचालन करने वाला रेगुलेटर यानि SEBI के रडार पर थे. अब ताजा अपडेट ये है कि इस पूरे स्कैम (Scam) का मास्टरमाइंड हनीफ शेख (Hanif Shekh) भारत से फरार है और दुबई में ऐशो आराम की जिंदगी बिता रहा है.
SEBI साल 2019 से ही शेख पर नजर रखा रहा है. लेकिन तमाम समन, नोटिस भेजने के बाद भी उसे ट्रैक नहीं किया जा सका. हालांकि, SEBI में जांच टीम के सूत्रों ने ज़ी बिज़नेस (Zee Business) को बताया कि शेख के सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट को देख कर लगता है कि वो दुबई में है और आराम की जिंदगी जी रहा है.
जांचकर्ताओं (Investigators) का मानना है कि हनीफ शेख ने मार्केट मैनिपुलेशन (Market Manipulation) यानि हेरफेरी से करीब 1000 से 1500 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति उत्पन्न होने की संभावना है. उस पर सैकड़ों संस्थाओं के पीछे का सरगना होने का आरोप है, जो 50-70 कंपनियों के शेयरों की कीमतों में हेराफेरी में शामिल था. सूत्रों के मुताबिक, SEBI की चल रही जांच, पिछले आदेशों और शेख और उससे जुड़ी सैकड़ों संस्थाओं के खिलाफ लंबित न्यायिक कार्यवाही के आधार पर इतनी राशि होने का अनुमान है.
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जांचकर्ताओं का यह भी मानना है कि शेख अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा हवाला चैनलों (Money mules) के माध्यम से दुबई में भेज चुका है. सूत्रों के मुताबिक, हनीफ शेख के मामले में सेबी (SEBI) की जांच अभी भी जारी है और कुछ मामलों में अंतरिम आदेश जारी किए गए हैं, ये वो मामले हैं, जिनमें रेगुलेटर कुछ निष्कर्ष तक पहुंचने में कामयाब हुआ था.
शेख का रैकेट भोले-भाले निवेशकों को आकर्षित करने का काम करता था. इसके लिए वो Bulk SMS और वेबसाइटों के जरिए स्टॉक टिप्स को सर्कुलेट करते थे. इसके बाद जब शेयरों में निवेशक घुसते थे तो कई प्रमुख संस्थाओं की मदद से अपनी हिस्सेदारी बेचकर निकल जाता था. SEBI की जांच में पता चला है कि शेख ने Zerodha और ICICI सिक्योरिटीज जैसी प्रमुख इक्विटी ब्रोकिंग कंपनियों से मिलती-जुलती फर्जी SMS ID बनाई थी और छोटे निवेशकों को लुभाने के लिए 'Buy' की सिफारिशों के साथ bulk SMS भेजता था. लेकिन, उससे जुड़ी संस्थाओं बाजार में अपना शेयर बेच दिया करती थी.
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एसके मोहंती (SK Mohanty) का मानना है कि पूरा ऑपरेशन को सरगना हनीफ शेख ही ऑपरेट करता था. इस पूरे स्कैम को हनीफ ने इतनी बारीकी से अंजाम दिया था, कि उस पर संदेह करना मुमकिन नहीं था. जिसके परिणामस्वरूप हनीफ शेख ने अपनी जुड़ी संस्थाओं और कुछ कंपनियों के प्रमोटरों के साथ मिलकर गलत तरीके से इतना फायदा कमाया.
साल 2019 में ज़ी बिज़नेस (Zee Business) ने सबसे पहले इस मामले को उठाया था कि कैसे रिटेल निवेशकों को Bulk SMS भेजकर कुछ छोटी कंपनियों के शेयरों में हेरफेरी की जा रही है.
शेख की शातिर चाल (Shenanigans of Shekh)
शेख का रैकेट पहली बार कुछ साल पहले सामने आया था, जब SEBI को अपने ऑनलाइन शिकायत मंच SCOREs पर कुछ छोटी कंपनियों के शेयरों में उच्च ऑपरेटर गतिविधि के खिलाफ कई निवेशकों की शिकायतें मिलनी शुरू हुईं. SEBI को शुरुआती जांच में पता चला की स्टॉक टिप में शामिल पूरा ऑप्शन bulk SMS के जरिए चलाया जा रहा है. प्रथम दृष्टया साक्ष्यों की जांच के बाद सेबी ने अपनी विस्तृत जांच शुरू की.
शेख के खिलाफ SEBI की हालिया आदेश से पता चलता है कि उसके नेटवर्क में 226 संस्थाएं थीं. नियामक ने अहमदाबाद, मुंबई और कोलकाता में कई बैंक खाते और फंड ट्रांसफर भी बरामद किए हैं. इसके अलावा, सेबी ने कुछ SMS, विदेशी मुद्रा बिल, ट्रेडिंग लॉग, जीमेल लिंक, कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) और छोटी कंपनियों के कुछ प्रमोटरों के साथ उनके लिंक पर भी नजर रखी है.
SEBI की जांच के मुताबिक, कासंभाई शेख (Kasambhai Shekh), हसीना कासंभाई शेख (Hasina Kasambhai Shekh), रॉबर्ट रिसोर्सेज (Robert Resources), इकोनो ट्रेड इंडिया (Econo Trade India), इकोनो ब्रोकिंग (Econo Broking) (तत्कालीन बंसल फिनस्टॉक) और साई मेटलटेक एलएलपी (Sai Metaltech LLP) कुछ प्रमुख संस्थाएं हैं, जो सीधे शेख और उनके परिवार से जुड़ी हुई हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेख का मार्केट ऑपरेशन आसानी से उन कुछ बड़ी अवैध योजनाओं में से एक हो सकता है, जिनका SEBI ने ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीद (GDR) घोटाले में आदेश पारित करने के बाद खुलासा किया है.
"शेख हजारों करोड़ रुपये के जीडीआर धोखाधड़ी के कुख्यात अरुण पंचारिया की तरह बड़े धोखेबाजों में से एक है, जहां पहले शेयर की कीमत बढ़ाई गई और फिर ऑपरेटर होल्डिंग को बाजार में डंप कर दिया गया, ये सब लुभावने तरीके से किया गया. हालांकि, नियामक कार्यालय के एक करीबी सूत्र ने बताया कि GDR घोटाले में SEBI के ऑर्डर पारित होने के बाद महीनों और सालों की कड़ी जांच के बाद भी घोटालेबाजों से बड़ी वसूली नहीं हो पाई है.
शेख की रंगीन दुनिया
सूत्रों के मुताबिक, शेख इन दिनों दुबई में हो सकता है. उसके इंस्टाग्राम (Instagram) हैंडल "ihanifshekh" से उसकी चकाचौंध और रंगीन दुनिया का इशारा मिलता है. लोगों का ध्यान खींचने के लिए शेख ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर मिस दिवा यूनिवर्स 2015 और अभिनेत्री उर्वशी रौतेला और मॉडल सना शेख के साथ तस्वीर शेयर की हैं. सोशल हैंडल के प्रोफाइल में शेख ने खुद को एक ब्रोकिंग फर्म का प्रमुख बताया है.
इंस्टाग्राम हैंडल पर शेख ने खुद को एक उद्यमी (entrepreneur), प्राइवेट इक्विटी और स्टार्ट-अप निवेशक, अलंग पोर्ट में ग्रीन-शिप रिसाइक्लर और इकोनो ब्रोकिंग (Econo Broking) का प्रबंध निदेशक बताया है. उसने अपनी ब्रोकरेज फर्म "econobroking.com" का वेब एड्रेस भी शेयर किया है, जो SEBI की जांच के दायरे में है.
हालांकि, जांचकर्ताओं का कहना है, शेख और उसका परिवार गुजरात के भावनगर जिले से हैं, जहां वो फ्लैट नंबर 102, रॉयल रहमानी कॉम्प्लेक्स, सर पटनी रोड, भावनगर -364002 में रुके थे. इकोनो ब्रोकिंग, 9/12 लाल बाजार स्ट्रीट, तीसरी मंजिल, ब्लॉक-बी, कमरा नंबर 3103, कोलकाता - 700001 में पंजीकृत है. शेख और उनके परिवार ने साल 2018 में ओपन ऑफर के जरिए इसका अधिग्रहण किया गया था.
कैसे दिया गया धोखाधड़ी को अंजाम?
शेख का लेन-देन उन कुछ उदाहरणों में से एक है जहां SEBI मोबाइल फोन और इंटरनेट के माध्यम से Stock Tip Scam के 'अंतिम लाभार्थी' पर ध्यान केंद्रित करने में कामयाब रहा है. अन्यथा, मोबाइल फोन संदेशों और इंटरनेट के स्रोत की जांच करने में जांचकर्ताओं को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, वे आम तौर पर ज्ञात हैं.
SEBI के अधिकारी मोहंती की तरफ 19 जून को पारित एक आदेश में अनुमान लगाया गया है कि शेख ने केवल 5 शेयरों में 144 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है. इसके अलावा, शेख और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ कई जांच, वसूली नोटिस, निर्णय और समन लंबित हैं, जिससे जांचकर्ताओं को इशारा मिलता है कि उसकी अवैध कमाई कहीं और ज्यादा हो सकती है.
SEBI के 19 जून के आदेश के अनुसार शेख और उससे जुड़ी संस्थाएं मौरिया उद्योग (Mauria Udyog), 7NR Retail, GBL इंडस्ट्रीज और Darjeeling Ropeway Co. शेयरों में हेराफेरी कर रही थीं. उसका नाम Leasing Finance and Investment, Agrophos India Pvt Ltd, VB Industries Pvt Ltd सहित कई शेयरों में हेराफेरी करने में भी शामिल है.
हालांकि शेख आसानी से सेबी के समन से बच गया, लेकिन उसके वकीलों ने प्रतिभूति और अपीलीय न्यायाधिकरण (Securities and Appellate Tribunal) में कुछ मामलों में अपील दायर की है. नवंबर 2022 में, SEBI ने शेख पर कई बार समन से बचने के लिए 7 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. सूत्रों का कहना है, शेख के खिलाफ लगाए गए कुछ जुर्माने की वसूली अभी भी लंबित है.
Bulk SMS का खेल
SEBI की जांच से पता चलता है कि शेख ने अपने संचालन के लिए तीन तरह की संस्थाओं का इस्तेमाल किया.
पहला तरीका: Buy की सलाह के साथ SMS भेजने से कुछ दिन पहले शेयरों में कीमत और वॉल्यूम को आर्टिफिशियल रूप से प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. SEBI ने ऐसी संस्थाओं को प्राइस/वॉल्यूम (PV) प्रभावित करने वाले के रूप में लेबल किया है और पाया है कि सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए थे.
दूसरा तरीका "ऑफ लोडर" था. ये संस्थाएं पहले से अर्जित शेयरों को बेचकर बड़ा मुनाफा कमाती थीं. Bulk SMS Tips भेजने से पहले शेयरों में शुरुआती खरीदारी के बाद, SMS भेजे जाने के बाद ये संस्थाएं बड़े पैमाने पर शेयर बेचकर निकल जाया करती थीं.
प्रमुख 'सरगना' था शेख
SEBI के आदेश में कहा गया है, शेख bulk SMS का स्रोत था, जिसने न केवल पूरी योजना को संचालित किया था, बल्कि उन संस्थाओं के साथ सीधे लिंक साझा किए थे, जहां से खरीदारी की सिफारिश करने वाले SME आए थे. उसने छोटे निवेशकों को लुभाने के लिए कुछ वेबसाइटों का भी इस्तेमाल किया था. कई माध्यमों से शेख को ही पूरा मुनाफा ट्रांसफर किया गया.
हेराफेरी के निशान
SEBI को मामले की लीड SCOREs पर मिली शिकायतों से शुरू हुई और जल्द ही रेगुलेटर को पता चला कि दो सरकारी स्वामित्व वाले दूरसंचार ऑपरेटरों BSNL और MTNL का इस्तेमाल 'Buy' सिफारिशों के साथ bulk SMS भेजने के लिए किया जा रहा था.
शेख की SMS Id ZERODHA और ICICI सिक्योरिटीज जैसे शीर्ष स्टॉक ब्रोकरों के नामों की नकल करती थी. SMS भेजने वालों को BT-ZROHDA, BT-MGAINS, BH-MGAINS और BT-ICISEC के रूप में पंजीकृत किया गया था. एक अन्य सरकारी दूरसंचार कंपनी MTNL शेख से जुड़ी ID MB-स्टॉक और MD-मल्टीब के लिए सर्विस प्रोवाइडर थी.
SMS एग्रीगेटर्स और रीसैलर Awadh Info Pvt. Ltd, Spark TG Pvt. Ltd. and Newrise Technosys Pvt. Ltd प्रा. लिमिटेड रीसैलर थे जो दूरसंचार कंपनी की तरफ से ग्राहकों को SMS भेजते थे. SEBI की जांच से पता चलता है कि HFCL infotell QP-BGAINS के लिए एक सर्विस प्रोवाइडर था और इसका पुनर्विक्रेता वन पॉपुलर सॉफ्टटेक था.
इन SMS के स्रोत तक पहुंचने के लिए SEBI ने रीसैलर को उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबरों पर ध्यान केंद्रित किया, जब इन मोबाइल नंबरों के सर्टिफाइड यूजर की जांच की गई, तो सेबी को शेख तक पहुंचने में मदद मिली. संदेह है कि शेख पूरे रैकेट का सरगना था, इसकी पुष्टि मोबाइल नंबर 9537570268 के CDR और शेख और अवध इंफो के मोबाइल नंबर (9838585569, 7311111641) और SparkTG (97179397366) के बीच कॉल रिकॉर्ड के डेटा से हुई.
शेख और उससे जुड़ी संस्थाएं दो वेबसाइटों: "www.midcapgains.in" और "www.mbstocks.in" के मालिकों और प्रबंधकों को भी फाइनेंस कर रही थीं. इनके डेवलपमेंट और मेनटेंनेंस के लिए भुगतान शेख की कंट्रोल वाली संस्थाओं और SEBI के ऑर्डर के मुताबिक, एक HDFC बैंक खाता संख्या 50200027909681 से जुड़े थे.
07:46 PM IST