Sebi Intraday Trading Settlement Plan: बाजार नियामक सेबी (SEBI) बाजार में अब इंट्राडे ट्रेडिंग में सेटलमेंट का सिस्‍टम लाने की तैयारी में है. अभी बाजार में T+1 ट्रेडिंग सिस्‍टम है. यानी, अगर निवेशक बाजार में शेयर खरीदते हैं तो उसके अगले दिन शेयर डीमैट में आ जाता है. वहीं, शेयर बेचने पर अकाउंट में पैसा आने में ट्रेडिंग प्‍लस 1 दिन का समय लगता है. सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने सोमवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में यह जानकारी दी कि सेबी इंट्रा डे ट्रेडिंग में इंस्टेंट सेटलमेंट की व्यवस्था पर विचार कर रहा है. मार्केट रेगुलेटर का मानना है कि UPI और ऑनलाइन व्यवस्था से तेजी से इंट्राडे ट्रेडिंग सेटलमेंट मुमकिन हो सकेगा. 1 अक्‍टूबर से सभी शेयरों में T+1 सेटलमेंट है. 

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सेबी चेयरपर्सन के प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातों को देखें, तो अब ऐसी व्‍यवस्‍था पर विचार हो रहा है कि अगर आप शेयर खरीदते हैं, तो आपको शेयर उसी दिन मिल जाएंगे. वहीं अगर आप शेयर बेचते हैं, तो उसी दिन आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे.  यह काफी अहम व्‍यवस्‍था होगी. यूपीआई के जरिए तुरंत पेमेंट हो जाता है. वहीं जितनी डिपॉजिटरीज हैं वो ऑनलाइन हैं, वहां से शेयर लेकर या देकर सेटलमेंट हो सकता है. 

डिलिस्टिंग के नियमों की समीक्षा

दूसरी अहम बात, डिलिस्टिंग के नियमों की समीक्षा की जा रही है. इसके लिए एक कमिटी बनाई गई है, जो जल्‍दी ही अपनी रिपोर्ट देगी. उसके बाद कंसल्‍टेशन पेपर आएगा और उसके बाद नियम बनाए जाएंगे. इसमें एक व्‍यवस्‍था पर विचार किया जा रहा है कि जो प्रमोटर हैं,क्‍या उनको एक फिक्‍स प्राइस ऑफर लाने की छूट दी जा सकती है. क्‍योंकि, ऐसा कई बार सेबी की जानकारी में आया है कि कुछ लोग मिल जाते हैं और 10 फीसदी से ज्‍यादा शेयर मार्केट से खरीद लेते हैं और एक तरह से वो प्रमोटर पर दबाव बनाते हैं कि वो ऊंचे प्राइस पर ऊंचा भाव दे, तभी वो टेंडर करेंगे. इससे निजात पाने के लिए फिक्‍स प्राइस के ऑप्‍शन पर भी विचार किया जा रहा है. 

F&O पर आ सकता है नया नियम

तीसरी बात, F&O के शेयरों को लेकर है. उनकी एंट्री किस तरह होती है, उनका पैमाना तय करने की बात थी. उसका पूरी तरह रिव्‍यू किया जा रहा है. एक बार इस पर मार्केट से लोगों से चर्चा की जा चुकी है. नए पैमाने फिर से सोचे जा रहे हैं और उस पर चर्चा के बाद जल्‍दी ही इस पर नियम लाए जाने की उम्‍मीद है. 

एक अहम बात यह भी थी कि बहुत सारे कॉरपोरेट्स हैं, जिनका अपना ट्रेडिंग प्‍लान होता है या कॉरपोरेट के बड़े अधिकारी होते हैं, जिनको ई-शॉप्‍स में शेयर मिलते हैं, उनके ट्रेडिंग प्‍लान में कई तरह की बाध्‍यताएं होती हैं. जैसे कब बेचेंगे, कितने समय में बेचेंगे... कई बार वो इनसाइडर होते हैं क्‍योंकि उनके पास कंपनी की कई जानकारियां होती हैं. ऐसे में उनके पास कई सारे बंधन होते हैं. ऐसे में उनके लिए ट्रेडिंग कैसे आसान की जाए, इसको लेकर नियमों की समीक्षा की जा रही है. 

सेबी चेयरपर्सन के प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें

  • सेबी इंट्रा डे ट्रेडिंग में इंस्टेंट सेटलमेंट की व्यवस्था पर विचार कर रही है, UPI और ऑनलाइन व्यवस्था से तेज़ी
  • F&O के शेयरों की योग्यता के नियमों की समीक्षा पर काम जारी है, पैमाने मोटे तौर पर तय, अब चर्चा जारी
  • परपुचुअल इनसाइडर के लिए ट्रेडिंग आसान करने का नियम लाया जाउएगा, परपुचुअल इनसाइडर वो लोग जिनके पास हमेशा प्राइस सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन
  • MCX मैटर: एक्सचेंज के पास पुरानी टेक्नोलॉजी जनवरी में नहीं होगी इसलिए कॉन्ट्रैक्ट को नही इश्यू  करने दिया गया
  • लिमिटेड पर्पज क्लियरिंग और बैक स्टॉप सुविधा शुक्रवार से शुरू होगी, म्यूचुअल फंड के लिए अहम
  • कॉरपोरेट चैंबर्स से सुझाव मांगे गए हैं कि कैसे अफवाहों को खारिज करने के नियम का इंडस्ट्री अमल करे

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