भारतीय वित्तीय सेवाएं पिछले कुछ समय से रिटेल ग्राहकों के बीच वित्तीय साक्षरता में अच्छा खासा बदलाव ला रही हैं. इसका प्रमुख कारण समय-समय पर नियामकीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव और डिजिटल होती अर्थव्यवस्था है. इस बीच अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों के निवेशकों को इस बदलाव में शामिल करने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह की म्युचुअल फंड इकाई महिंद्रा म्युचुअल फंड ने अगले पांच सालों में 1,300 जगहों पर अपन उपस्थिति का लक्ष्य रखा है, फिलहाल यह 375 जगहों में उपलब्ध है.

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महिंद्रा म्युचुअल फंड ग्रामीण आबादी के लिए उत्पादों को उनकी भाषा में सही समझ, अर्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एजेंट के साथ करार और नवीनतम तकनीक का उपयोग कर निवेशकों के लिए इसे सरल और सुविधाजनक बनाने की योजना पेश कर रही है. इसके साथ ही ग्रामीण आबादी के सपनों को पूरा करने के लिए यह लक्ष्य आधारित उत्पादों की भी पेशकश कर रही है.

महिंद्रा म्युचुअल फंड का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में म्यूचुअल फंड के उत्पादों की पहुंच से पूरे तबके को इस उद्योग लाभ मिलेगा और इससे गांव के साथ -साथ तहसील और जिले के लोगों के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है. इसके लिए कंपनी ग्रामीण इलाकों में एजेंटों के साथ करार कर उन्हें मजबूत करने का विचार कर रही है, ताकि वे ग्रामीण जनता को म्युचुअल फंडों के बारे में अच्छी तरह से समझा सकें.

बता दें कि महिंद्रा म्युचुअल फंड 2016 में आया था और इसका असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 4,336 करोड़ रुपये है. इसके एमडी एवं सीईओ आशुतोष बिश्नोई का फोकस मुख्य रूप से अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों पर है, ताकि म्यूचुअल फंड की साक्षरता को देश के दूर-दराज हिस्से तक पहुंचाया जाए. म्युचुअल फंड उद्योग वित्तीय सेवाओं में तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है और पिछले 10 सालों में इसका एयूएम 6 गुना बढ़कर 23.26 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो 15.51 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ा है और पिछले एक साल में इसका फोलियो 5.99 करोड़ से बढ़कर 7.59 करोड़ हो गया है, जो 27 फीसदी की बढ़त रही है.