जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते 77,000 करोड़ के IPOs अटके! सेबी की मंजूरी के बाद कंपनियां टाल रही हैं पब्लिक ऑफर
मौजूदा प्राइमरी मार्केट के बारे में एक्सपर्ट मानते हैं कि जियोपॉलिटिकल टेंशन, FIIs के कमजोर रूख के चलते कंपनियां अपना आईपीओ टाल रही हैं.
IPOs worth Rs 77,000 cr put on hold: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते करीब 51 कंपनियों ने अपने IPOs टाल दिए हैं. ये कंपनियां करीब 77,000 करोड़ रुपये का पब्लिक ऑफर लेकर आने वाली हैं. कैपिटल मार्केट रिसर्चर प्राइम डाटाबेस के मुताबिक, मार्केट रेग्युलेटर सेबी की मंजूरी के बाद इन कंपनियों ने अपना आईपीओ टाला है. इनमें अभी वे 43 कंपनियां शामिल नहीं हैं, जिन्होंने सेबी के पास अपने आईपीओ डॉक्यूमेंट जमा कराए हैं, लेकिन अभी उन्हें मंजूरी नहीं मिली है. इसके अलावा, हाल ही में IPO के लिए LIC के DRHP को मंजूरी मिली है, जो कि इस लिस्ट में शामिल नहीं है.
सेकंडरी मार्केट में अनिश्चितता
शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट एंड हेड ऑफ रिसर्च रवि सिंह के मुताबिक कंपनियां सेकंडरी मार्केट में अनिश्चतता को देखते हुए अपने IPOs को टाल रही हैं. मार्केट के मौजूदा हालात काफी अस्थिर हैं. जियोपॉलिटिकल टेंशन और महंगे क्रूड व अन्य कमोडिटीज की बढ़ती कीमतों के चलते महंगाई जनित मंदी की आशंका है. उनका कहना है कि प्राइमरी मार्केट की प्रतिक्रिया का असर सेकंडरी मार्केट की गतिविधियों पर पड़ता है. बीते कुछ महीनों में प्राइमरी मार्केट में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनियों ने अपने-अपने IPOs को फिलहाल के लिए रोक दिया है.
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रूस-यूक्रेन युद्ध बड़ा फैक्टर
प्रोफिसिएंट इक्विटीज प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर एंड डायरेक्टर मनोज डालमिया का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते कंपनयिों ने अपने आईपीओ को टाल दिया है. उनका कहना है कि क्रूड की बढ़ती कीमतों के लिए कंपनियों के लिए महंगाई एक बड़ी चिंता बन रही है. इसका उसर कंपनियों के शेयर कीमतों में गिरावट के रूप में देखा जा रहा है. LIC का प्रमुख आईपीओ मार्च आखिर तक लॉन्च होने की उम्मीद थी, लेकिन अब इसके अगले वित्त वर्ष में ही पूरा होने की उम्मीद है.
गो एयरलाइंस, API होल्डिंग्स, डेलिवरी, एम्क्योर फार्मा जैसी कंपनियों आईपीओ से करीब 25,000 करोड़ जुटाने का प्लान बना रही थीं, लेकिन फिलहाल बाजार में विदेशी निवेशकों (FIIs) की तरफ से भारी बिकवाली देखी जा रही है. बड़े साइज के आईपीओ के लिए FIIs का सपोर्ट जरूरी होता है.
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