कोरोना के बाद से ही शेयर बाजार का क्रेज तेजी से बढ़ा है. डीमैट खातों की संख्या भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. खातों की संख्या अगस्त 2022 में पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गया. कोरोना काल में निवेशकों ने इक्विटी बाजार में बंपर मुनाफा कमाया. इसका ही असर रहा कि प्राइमरी मार्केट को भी पॉजिटिव रिस्पांस मिला. कंपनियां पब्लिक ऑफरिंग लेकर आती रहीं और निवेशकों ने इन्हें हाथों हाथ लिया. पारस डिफेंस और लेटेंट व्यू एनलिटिक्स के IPO 300 गुना से ज्यादा भरे, जो अबतक का रिकॉर्ड है. 2022 में सबसे मजबूत अच्छा रिस्पांस हर्षा इंजीनियरिंग के इश्यू को मिला. यह 74 गुना भरा था. 

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2022 की दूसरी छमाही में IPO की धूम

एक्सचेंज डेटा के मुताबिक इस साल बाजार में 53 IPO आने वाले हैं. यानी प्राइमरी मार्केट में फिर से हलचल तेज होने वाली है. ऐसे में निवेशकों को मुनाफा कमाने के लिए क्वालिटी और मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनी की तलाश करनी चाहिए. इन कंपनियों में IPO कमाई के मौके अन्य से ज्यादा होते हैं. ऐसे में निवेशकों को जिस कंपनी में निवेश की मंशा है, उनके बारे में ठीक से जान समझ लें. 

IPO के लिए कंपनियां मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी DRHP फाइल करती हैं. इसमें कंपनी से जुड़ी हर जानकारी सेबी को देनी होती है...

  • कारोबार की जानकारी
  • कैपिटल स्ट्रक्चर
  • रिस्क फैक्टर
  • रिस्क स्ट्रैटजी
  • प्रोमोटर्स एंड मैनेजमेंट
  • पिछला फाइनेंशियल आंकड़ा

कंपनियों को ये जानकारियां SEBI को देनी जरूरी होती है. इसका निवेशकों के लिहाज से भी फायदा है, क्योंकि इन्हीं डिटेल्स के आधार पर कंपनी के कारोबार, फाइनेंशियल्स और आगे की ग्रोथ स्ट्रैटेजी का पता चलता है. इससे मौजूदा कारोबारी माहौल और वित्तीय सलाहकार की सलाह पर निवेशकों को IPO पर निवेश की रणनीति बनानी चाहिए.