Upcoming IPO: शेयर बाजार में कंपनियां खुद को लिस्ट कराने के लिए आईपीओ लेकर आती हैं और इस प्रक्रिया के माध्यम से शेयर बाजार (Share market) से पैसा जुटाती हैं. इसी सिलसिले में एक और कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली हैं और पैसा जुटाने वाली है. ये एक स्मॉल फाइनेंस बैंक है और इसका नाम है उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक. स्मॉल फाइनेंस बैंक को सेबी से मंजूरी मिल गई है और ये कंपनी शेयर बाजार से 500 करोड़ रुपए जुटाने वाली है. इस बैंक का हेडक्वार्टर वाराणसी में है और ये पूरी तरह से फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है. कंपनी ने सेबी के पास अपने पेपर्स जमा कर दिए हैं और DRHP के मुताबिक, लेंडर के पास ये पूरी प्रक्रिया होगी.

अगस्त में कंपनी ने फाइल किए थे पेपर्स

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बता दें कि कंपनी ने प्री-आईपीओ प्लेसमेंट राउंड में 100 करोड़ रुपये तक की प्रतिभूतियों के मुद्दे पर विचार कर सकता है और अगर ये प्रक्रिया पूरी हो गई तो आईपीओ के साइज को कम कर दिया जाएगा. कंपनी ने अगस्त में शेयर बाजार के पास ड्राफ्ट पेपर्स जमा किए थे, जिस पर सेबी ने 21 अक्टूबर 2022 को विचार कर मंजूरी दे दी. 

ये काम करता है बैंक

सेबी की भाषा में, इसका अवलोकन पत्र प्राप्त करने का अर्थ है आईपीओ लॉन्च करने के लिए मार्केट वॉचडॉग की मंजूरी मिल गई है. स्मॉल फाइनेंस बैंक डिपॉजिट स्कीम, सेविंग्स अकाउंट, सैलरी अकाउंट, करंट अकाउंट, रिकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट और लॉक फैसिलिटी देता है. 

मार्च 2022 के मुताबिक, बैंक ने 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपना बिजनेस फैलाया हुआ है. बैंक ने 686 बैंकिंग आउटलेट्स खोले हुए हैं और 12617 कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसेक अलावा ये बैंक 3.14 मिलियन ग्राहकों को सेवाएं दे रहा है. ये बैंक मुख्य तौर पर रूरल और सेमी अर्बन क्षेत्रों में अपनी पहुंच बनाए हुए है. बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में इसकी ज्यादा पहुंच है. 

कंपनी के फाइनेंशियल्स कैसे हैं?

कंपनी का ग्रॉस लोन पोर्टफोलियो 31 मार्च 2020 में 6660.95 करोड़ रुपए से बढ़कर मार्च 2022 में 10630.72 करोड़ रुपए हो गया है. इसके अलावा कुल डिपॉजिट 5235.21 करोड़ रुपए से बढ़कर 10074.18 करोड़ रुपए हो गई है. 

बता दें कि मार्च 2021 में उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक ने सेबी के पास पेपर्स फाइल किए थे, जिसमें 1350 करोड़ रुपए के जरिए पैसा जुटाने की बात कही थी. उस समय में आईपीओ के जरिए 750 करोड़ रुपए और ओएफएस के जरिए 600 करोड़ रुपए जुटाने की योजना थी. कंपनी को जून में सेबी से मंजूरी मिल गई थी लेकिन बाद में बैंक अपना आईपीओ लेकर नहीं आई.