SEBI ने IPO Listing की मियाद घटाने को लेकर सर्कुलर जारी किया, अब T+3 पर लिस्टिंग जरूरी
मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने आईपीओ लिस्टिंग की मियाद को T+6 से घटाकर T+3 कर दिया और आज इस संबंध में सर्कुलर जारी किया गया है. 1 सितंबर से यह स्वैच्छिक और 1 दिसंबर 2023 से अनिवार्य होगा.
मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने आईपीओ लिस्टिंग को लेकर समय सीमा की मियाद घटाने के संबंध में सर्कुलर जारी किया है. SEBI ने इश्यू बंद होने के 3 दिन बाद लिस्टिंग का नियम जारी किया है. वर्तमान में इसके लिए 6 दिनों का वक्त मिलता है. इस सर्कुलर के मुताबिक, 1 सितंबर के बाद खुलने वाले सभी आईपीओ के लिए यह वॉलंटरी तौर पर लागू होगा. हालांकि, 1 दिसंबर के बाद खुलने वाले इश्यू पर यह नियम अनिवार्य हो जाएगा.
1 सितंबर से स्वैच्छिक होगा नियम
सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा कि एक सितंबर या उसके बाद आने वाले सभी सार्वजनिक निर्गमों के लिए सूचीबद्धता की नई समय सीमा स्वैच्छिक होगी, जबकि जो निर्गम एक दिसंबर के बाद आएंगे उनके लिए यह अनिवार्य होगा. सूचीबद्ध होने और कारोबार की समय सीमा कम किए जाने से निर्गम जारी करने वालों के साथ-साथ निवेशकों को भी लाभ होगा.
निवेशकों को जल्दी मिलेगा पैसा
मार्केट रेग्युलेटर के इस फैसले से निर्गम जारीकर्ताओं ने जो पूंजी जुटायी है, उसे जल्दी प्राप्त कर सकेंगे. इससे व्यापार करना आसान होगा और निवेशकों को भी अपनी निवेश राशि व नकदी शीघ्र प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. सेबी के अनुसार, ‘‘सार्वजनिक निर्गम के बंद होने के बाद प्रतिभूतियों की सूचीबद्धता में लगने वाले समय को 6 कार्य दिवस (टी + 6 दिन) से घटाकर तीन कार्य दिवस (टी + 3 दिन) करने का निर्णय किया गया है.
जून में मिली थी प्रस्ताव को मंजूरी
यहां ‘टी’ निर्गम बंद होने की अंतिम तिथि है.’’ नियामक ने कहा कि एएसबीए (एप्लीकेशन सर्पोटेड बाई ब्लॉक्ड अमाउंट) आवेदन राशि को जारी करने में देरी के लिए निवेशकों को क्षतिपूर्ति की गणना टी+3 दिन से की जाएगी. उल्लेखनीय है कि सेबी के निदेशक मंडल ने इस प्रस्ताव को जून में मंजूरी दी थी.
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