One Mobikwik IPO Listing: शेयर बाजार में गिरावट के माहौल के बीच प्राइमरी मार्केट में जबरदस्त Buzz है. बुधवार को तीन-तीन IPOs (Initial Public Offer) लिस्ट हुए हैं, जिनमें निवेशकों की अच्छी कमाई हुई है. फिनटेक कंपनी One Mobikwik Systems Ltd. का भी आईपीओ आज जबरदस्त तेजी के साथ लिस्ट हुआ है. 

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कंपनी के आईपीओ का मूल्य दायरा 265-279 रुपये प्रति शेयर था. इसके मुकाबले इसकी लिस्टिंग के 58% के प्रीमियम पर हुई है. One Mobikwik का इश्यू प्राइस 279 था, इसके मुकाबले NSE पर शेयर 57.7% प्रीमियम के साथ 440 पर लिस्ट हुआ है. वहीं BSE पर 58.5% प्रीमियम के साथ 442.25 पर लिस्टिंग हुई है.लिस्टिंग के बाद शेयर 87% ऊपर चढ़ा और 524 के इंट्राडे हाई पर गया. यानी निवेशकों को हर शेयर 245 रुपये की कमाई हुई. शेयर में 20% का अपर बैंड तय हुआ है और इसका अपर सर्किट लिमिट 530 के भाव पर है. कंपनी का मार्केट कैप 3,837 करोड़ का है.

One Mobikwik IPO Listing के बाद क्या करें?

मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने One MobiKwik की लिस्टिंग पर राय देते हुए कहा था कि इसकी मजबूत लिस्टिंग होगी. उन्होंने 410-430 रेंज में लिस्ट होने का अनुमान जताया था. आगे के लिए उन्होंने कहा कि अच्छे लिस्टिंग गेन और लॉन्ग टर्म के लिए निवेश की सलाह है. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर ये शेयर जरूर HOLD करें. और शॉर्ट टर्म इन्वेस्टर्स 380 का SL लगाएं और ट्रेल करते चलें.

One Mobikwik IPO Details

वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड के आईपीओ को 119.38 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. NSE के आंकड़ों के अनुसार, 572 करोड़ रुपये की शुरुआती शेयर बिक्री में 1,18,71,696 शेयरों के मुकाबले 1,41,72,65,686 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं.

खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) के हिस्से को 134.67 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के हिस्से को 119.50 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी को 108.95 गुना सब्सक्रिप्शन मिला.

मंगलवार को वन मोबिक्विक सिस्टम्स ने कहा कि उसने एंकर निवेशकों से 257 करोड़ रुपये जुटाए.  यह सार्वजनिक निर्गम पूरी तरह से 572 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों का नया निर्गम है, जिसमें कोई बिक्री पेशकश (ओएफएस) नहीं है. गुरुग्राम स्थित इस कंपनी का आईपीओ लाने की ये दूसरी कोशिश थी. कंपनी ने इससे पहले जुलाई 2021 में खराब बाजार परिस्थितियों के कारण DRHP वापस लेते हुए आईपीओ लाने की योजना को टाल दी थी.