Jana small finance bank IPO पर अनिल सिंघवी की एनालिसिस, पैसे लगाएं या नहीं? नोट कर लें पूरी डीटेल्स
Jana small finance bank IPO: जना स्मॉल फाइनेंस बैंक अपना आईपीओ ला रहा है. बैंक का आईपीओ आज बुधवार से खुल रहा है. ये आईपीओ 7 फरवरी से खुल रहा है और 9 फरवरी तक निवेशक इसमें पैसे लगा सकेंगे.
Jana small finance bank IPO: देश का चौथा सबसे बड़ा स्मॉल फाइनेंस बैंक, जना स्मॉल फाइनेंस बैंक अपना आईपीओ ला रहा है. बैंक का आईपीओ आज बुधवार से खुल रहा है. ये आईपीओ 7 फरवरी से खुल रहा है और 9 फरवरी तक निवेशक इसमें पैसे लगा सकेंगे. कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड प्रति शेयर 393 रुपये से 414 रुपये तय किया है. इशू साइज 570 करोड़ है. ऑफर फॉर सेल पर 108 करोड़ का इशू साइज है. इसमें 1.12 करोड़ शेयर का फ्रेश इशू है, जिसकी वैल्यू 462 करोड़ है. वहीं प्रमोटर्स और मौजूदा शेयरहोल्डर्स के 108 करोड़ रुपये का OFS है. कंपनी इसके पहले 414 रुपये प्रति शेयर के वैल्यू पर 17 एंकर निवेशकों से 166.95 करोड़ रुपये इकट्ठा कर चुकी है. आइए जानते हैं पूरी डीटेल्स.
Jana Small Finance Bank IPO Date
IPO 7 फरवरी को खुला है और 9 फरवरी तक खुला रहेगा. यानी तीन ट्रेडिंग दिनों में निवेशक सुबह 10 बजे से 5 बजे तक इसमें निवेश कर सकेंगे.
Jana Small Finance Bank IPO Allotment
आईपीओ के तहत शेयर अलॉटमेंट 12 फरवरी को फाइनल हो जाएगा.
Jana Small Finance Bank IPO Listing Date
Jana Small Finance Bank के शेयर संभवतया 14 फरवरी को BSE और NSE पर लिस्ट होंगे.
Jana Small Finance Bank IPO Issue Price
स्मॉल फाइनेंस बैंक के आईपीओ में प्राइस बैंड 393 रुपये से 414 रुपये प्रति शेयर रखा गया है.
Jana Small Finance Bank IPO Lot Size
इसमें एक लॉट साइज में 36 शेयर रखे गए हैं, और निवेशकों को कम से एक लॉट खरीदना होगा, यानी एक साथ 36 शेयर, जोकि 14,904 रुपये पड़ेगा.
रजिस्ट्रार और मैनेजर
Axis Capital Ltd, ICICI Securities Ltd और SBI Capital Markets Ltd इस आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं और Kfin Technologies रजिस्ट्रार है. कंपनी का लक्ष्य इस आईपीओ से पैसे जुटाकर अपने टियर-1 पूंजी आधार को बढ़ाने और भविष्य की जरूरतों और दूसरे खर्चों को पूरा करने का है.
Jana Small Finance Bank IPO में पैसा लगाएं या नहीं?
कंपनी को लेकर पॉजिटिव ये है कि इनका मैनेजमेंट काफी अनुभवी है. PSU बैंकों के वैल्युएशन की तुलना में इसकी कीमत काफी आकर्षक है. साथ ही ग्रोथ ट्रैक रिकॉर्ड भी काफी मजबूत रही है. अगर निगेटिव पॉइंट्स देखें तो प्रॉफिट ट्रेंड में वॉलेटिलिटी देखी गई है. क्रेडिट कॉस्ट भी ज्यादा है. NIMs, CASA रेशियो और कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो भी कम है.
ज़ी बिजनेस के एग्जिक्यूटिव एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना है कि अगर रिस्क लेने को तैयार हैं तो इसमें लॉन्ग टर्म के लिए पैसा लगाकर छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि इंटरनल फैक्टर्स के बेहतर होने की गुंजाइश है, जोकि आईपीओ लिस्टिंग के बाद हो सकते हैं. लेकिन चूंकि वैल्युएशन आकर्षक हैं तो इसमें जोखिम लिया जा सकता है.