दुनिया में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने में भारतीय कंपनियां सबसे आगे हैं. 2024 की पहली छमाही में वैश्विक स्तर पर हुई कुल आईपीओ लिस्टिंग में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी 25 फीसदी के करीब थी. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. वेल्थ मैनेजमेंट फर्म एंजेल वन वेल्थ की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 की पहली छमाही में पूरी दुनिया में 5,450 से ज्यादा कंपनियां लिस्ट हुई हैं, इसमें भारत की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी थी.

2021 में दुनिया में 2388 कंपनियों की लिस्टिंग हुई थी

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रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भी भारत में बड़ी संख्या में आईपीओ की लिस्टिंग देखने को मिली थी. इसकी वजह उभरती हुई कंपनियों और सेक्टरों में घरेलू निवेशकों द्वारा बड़ी संख्या में निवेश करना था. वैश्विक स्तर पर 2021 में आईपीओ मार्केट उच्चतम स्तर पर था. इस दौरान पूरी दुनिया में 2,388 कंपनियों की लिस्टिंग हुई और इन सभी ने मिलकर 453.3 अरब डॉलर की राशि जुटाई. यह पिछले 20 वर्षों में आईपीओ के जरिए जुटाई गई सबसे बड़ी राशि थी.

BSE IPO इंडेक्स ने 348% रिटर्न दिया है

रिपोर्ट में आगे कहा गया, "लिस्टिंग गेन के कारण बीएसई आईपीओ इंडेक्स ने बीएसई 500 इंडेक्स को 165 फीसदी के बड़े मार्जिन पछाड़ते हुए 348 फीसदी का कुल रिटर्न दिया है. स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) आईपीओ का प्रदर्शन भी बीते कुछ वर्षों में अच्छा रहा है." रिपोर्ट के मुताबिक, "2019 में एसएमई आईपीओ की लिस्टिंग पर औसत लिस्टिंग गेन करीब 2 फीसदी था, जोकि 2024 में बढ़कर 74 फीसदी हो गया है. 

भारतीय बाजार दे रहा पॉजिटिव रिटर्न

2020 में मेनबोर्ड आईपीओ के लिस्टिंग गेन अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे. इसके बाद से औसतन करीब 30 फीसदी के लिस्टिंग गेन देखने को मिल रहे हैं." आईपीओ मार्केट में तेजी की एक वजह भारतीय शेयर बाजार का सकारात्मक रिटर्न देना है. इस साल की शुरुआत से अब तक निफ्टी करीब 17 फीसदी और सेंसेक्स करीब 16 फीसदी का रिटर्न दे चुका है.