IMD (मौसम विभाग) ने उम्‍मीद जताई है कि इस बार मौसम अच्‍छा रहेगा. गर्मी से जल्‍द राहत मिलेगी क्‍योंकि मॉनसून (Monsoon) समय से आएगा और बारिश भी जोरदार होगी. मौसम विभाग की मानें तो अल्‍नीनो (Al Nino) कमजोर पड़ चुका है, जिससे मॉनसून के कमजोर रहने की आशंका खत्‍म हो गई है. उधर, प्राइवेट वेदर एजेंसी स्‍काईमेट ने अपने पहले पूर्वानुमान में दावा किया था कि इस बार मॉनसून सामान्‍य के मुकाबले कम होगा. क्‍योंकि Al Nino इसे रोक सकता है. स्‍काईमेट ने कहा कि इस बार 93 फीसदी बारिश होने की संभावना है.

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IMD अपना आधिकारिक अनुमान अगले हफ्ते देगा

जी बिजनेस की खबर के मुताबिक IMD अपना आधिकारिक अनुमान अगले हफ्ते जारी कर सकता है. उसके अनुसार मानसून में बारिश 96 से 104 फीसदी तक रहे सकती है. दोनों एजेंसियों के अनुमान अलग हैं. स्‍काईमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि 2017 में भी हमारा पूर्वानुमान सही निकला था. उस समय 95 फीसदी की बारिश की बात कही थी. हालांकि बीते साल हमने इसे रिवाइज किया था. स्‍काईमेट दूसरा पूर्वानुमान जून अंत तक जारी कर सकती है, लेकिन इसकी कम संभावना है.

जून में कमजोर रहेगा मॉनसून : स्‍काईमेट

अलनीनो पर महेश पलावत ने कहा कि इंडेक्‍स में अगर यह 0.5 से ऊपर रहता है तो इस स्थिति में अलनीनो के आने का संकेत मिलता है. इस वक्‍त यह 0.9 पर है. यानि 0.5 से ऊपर बना हुआ है. इस समय समुद्री सतह पर वार्मिंग दक्षिण अमेरिकी की तरफ ज्‍यादा है. वहां ज्‍यादा बारिश होने की संभावना है. दक्षिण एशिया में वार्मिंग कम है, इसलिए यहां बारिश कम रह सकती है. पलावत ने कहा कि जून में मॉनसून वीक रहेगा और जुलाई में इसके तेज होने की संभावना है.

मौसम विभाग के अनुमान पर खास पेशकश, देखें VIDEO :

क्‍या पड़ेगा कृषि पर असर

पलावत के मुताबिक खरीफ की बुआई में देरी संभव है. कर्नाटक और विदर्भ के इलाकों में बारिश के कमजोर पड़ने की आशंका है. बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी चिंता का विषय है. आंध्र प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा में भी सामान्‍य बारिश की संभावना है. एग्री मार्केट के एक्‍सपर्ट पुखराज चोपड़ा ने कहा कि मॉनसून अगर कमजोर रहता है तो एग्री कमोडिटी में मंदी रहेगी. लोग IMD की भविष्‍यवाणी पर ज्‍यादा भरोसा करते हैं. उसके पूर्वानुमान के अनुसार ही कमोडिटी बाजार की चाल निर्भर करेगी.