सरकार केंद्रीय लोक उपक्रमों (CPSE) के डिविडेंड भुगतान, बोनस जारी करने और शेयर बायबैक के संबंध में अपने 2016 के दिशानिर्देशों में संशोधन करने पर काम कर रही है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने मई 2016 में सीपीएसई में सरकारी निवेश के कुशल प्रबंधन के लिए 'केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का पूंजी पुनर्गठन' पर एक व्यापक दिशानिर्देश जारी किए थे.

सुधरा है सीपीसई का मार्केट कैप, अकाउंट्स भी हुए मजबूत

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''सीपीएसई अब बहीखाते के मामले में अधिक मजबूत हैं और उनके बाजार पूंजीकरण में सुधार हुआ है. अब पूंजी पुनर्गठन दिशानिर्देशों पर फिर से विचार करने का समय आ गया है.' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय इस महीने संशोधित दिशानिर्देश जारी कर सकता है. जारी किए गए पूंजी पुनर्गठन दिशानिर्देशों के अनुसार जिन सीपीएसई के पास व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अपनी पूंजी को अनुकूलतम रूप से निवेश करने की योजना नहीं है, उन्हें अधिशेष निधियों पर पेशेवर रूप से विचार करना चाहिए. 

क्या हैं साल 2016 के दिशा निर्देश?

निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के मई 2016 में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक सीपीएसई को शुद्ध लाभ का 30 प्रतिशत या कुल परिसंपत्ति का पांच प्रतिशत न्यूनतम वार्षिक लाभांश देना आवश्यक है. इसके साथ ही कम से कम 2,000 करोड़ रुपये की कुल परिसंपत्ति और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और बैंक जमा वाले प्रत्येक सीपीएसई को शेयर पुनर्खरीद का विकल्प चुनना जरूरी है. 

साल 2016 के दिशा निर्देशों के मुताबिक बोनस शेयर तभी जारी किए जाएंगे, जब सीपीएसई के निर्धारित भंडार और अधिशेष उसकी चुकता इक्विटी शेयर पूंजी के 10 गुना के बराबर या उससे अधिक हों.