तूर (Arhar Dal) दाल के इंपोर्ट की समय सीमा 15 दिन के लिए बढ़ाकर 15 नवंबर कर दी गई है. 31 अक्टूबर को तूर दाल के इंपोर्ट की समय सीमा समाप्त हो गई थी.

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सरकार के इस फैसले से दाल निर्माता नाराज हैं. दाल इंपोर्टर की मांग है कि इंपोर्ट की सीमा 15 बढ़ाने से काम नहीं चलेगा. इस लिमिट को कम से कम 2 महीनों को लिए बढ़ाना चाहिए. दाल निर्यातों का कहना है कि तूल दाल (Toor Dal) इंपोर्ट की सीमा 31 दिसंबर तक होनी चाहिए. 

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि वे लगातार 26 अप्रैल से सरकार से तूर दाल (Tur Dal) इंपोर्ट की समयसीमा 31 दिसंबर तक करने की मांग करते आ रहे हैं. 

दक्षिण अफ्रीका, मोज़ाम्बिक (Mozambique) और केन्या (Kenya) में अरहर का उत्पादन देरी से हुआ है और वहां स्टॉक पहले ही कम था, इसलिए जो कोटा इन देशों से आना चाहिए था, वह नहीं आया. 

सुरेश अग्रवाल ने बताया कि दक्षिण अफ्रीकी देशों से दाल भारत तक आने में डेढ़ महीने का समय लग जाता है, इसलिए उन्होंने समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी.

 

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सरकार के इस फैसले से फ्यूचर मार्केट में चने समेत अन्य दालों के दामों पर असर देखा जा रहा है. चने के दाम इस समय 0.42 फीसदी गिरावट के साथ 4487 रुपये/क्विंटल चल रहे हैं. मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि चने के दामों में अभी और नरमी देखने को मिलेगी और इसके दाम 4400 से 4380 रुपये/क्विंटल तक चने के दाम जा सकते हैं.