महिंद्रा म्युचुअल के प्रबंध निदेशक (एमडी) और (सीईओ) आशुतोष बिश्नोई का कहना है कि लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और चुनाव के दौरान अर्थव्यवस्था में भारी मात्रा में नकदी का प्रवाह होता है, जो अर्थव्यवस्था के पहिए को गतिशील कर देता है. ऐसे में जो लोग निवेश करके पैसा बनाना चाहते हैं उनके लिए यह एक बेहतरीन मौका साबित हो सकता है. 

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बिश्नोई ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था थोड़ी रुक सी गई थी. पहले तो लोगों के हाथ में पैसा नहीं था और फिर सप्लाई में भी कमी आ गई. तब कंज्यूमर डिमांड जो रुक गई थीं, वो अब बहुत तेजी से आगे आ रही हैं. ऐसे में अब कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ रहा है. पिछले छह महीने के कारपोरेट रिजल्ट्स देखकर यह समझा जा सकता है कि कई सेक्टरों में मुनाफा तेजी से बढ़ रहा है. 

उन्होंने कहा कि बजट भी ऐसा रहा है जो लोगों को खर्च करने का बढ़ावा देगा, ऐसे में लोगों की डिमांड बढ़ेगी और इससे कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ेगा. वहीं दूसरी तरफ कंपनियों की कॉस्ट घट रही है. तेल की कीमतें कम हो चुकी हैं, स्टील-कॉपर जैसी इंडस्ट्रियल कमॉडिटीज की कीमत अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. ऐसे में आने वाले समय में भी कंपनियों की लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा. लिहाजा, यह समय अच्छी कंपनियों में निवेश के लिए बहुत अच्छा है. हर इंवेस्टर को चुनाव को इंवेस्टमेंट के मौके के तौर पर देखना चाहिए.

आशुतोष ने कहा कि अगर आप एसआईपी में निवेश करते हैं, तो इसे बढ़ा भी सकते हैं. अगर हर महीने एक एसआईपी कर रहे हैं और अगर आपके पास थोड़े और पैसे हों तो दो एसआईपी डालने लगें. अगर डेट मार्केट यानी फिक्स्ड इनकम फंड्स की तरफ देखें तो उसके रेट्स कम होते जा रहे हैं. रेट कम होने का मतलब है कि आपके फंड की वैल्यू बढ़ रही है. यह सिलसिला अभी चलता ही रहेगा. 

उन्होंने कहा कि अगले 6-8 महीनों में रेट बढ़ने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. रेट घटने की ही संभावना ज्यादा है. अगर पिछले एक-दो सालों का कारपोरेट बॉन्ड फंड का रिटर्न देखें तो 11-12 फीसदी के करीब हो चुका है. लिक्विड फंड में भी 7.25-7.5 का रिटर्न मिल रहा है. इसमें तो रिस्क भी न के बराबर होता है. ऐसे में जो लोग लंबे समय के लिए मार्केट में हैं, वो अपना एसआईपी करते रहें.