Gold Price Today, 9th October: अगर आपको सोना खरीदना है तो अभी आपके लिए अच्छा मौका हो सकता है. नवरात्रि के दौरान सोने के दामों में गिरावट आ गई है. सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में रिकॉर्ड हाई के नीचे आ गया है. इसका असर घरेलू वायदा और सर्राफा बाजार में भी दिखाई दे रहा है. बुधवार (9 अक्टूबर) को मेटल्स के दाम वायदा बाजार में लाल निशान में दिखाई दिए. वहीं, सर्राफा बाजार में जहां लगातार तेजी दिख रही थी, वहां सोना थोड़ा सस्ता हुआ है. दीवाली तक सोना और ऊपर चढ़ सकता है, ऐसे में अगर आपको सोना खरीदना है तो गिरावट का ये विंडो आपके लिए अच्छा मौका हो सकता है.

MCX पर गिरे गए सोने के दाम

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वायदा बाजार में सोना आज सुबह 14 रुपये की गिरावट के साथ 75,147 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर दिखा. कल ये 75,161 के लेवल पर बंद हुआ था. इस दौरान चांदी 351 रुपये चढ़कर 89,080 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी. कल ये 88,729 पर बंद हुई थी. ईरान और इजरायल के बीच पश्चिम एशिया में तनाव के कारण भी सोने में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और एमसीएक्स में इसके 75,450-76,350 रुपये के दायरे में रहने का अनुमान है.

सर्राफा बाजार में कितना सस्ता हुआ सोना

वैश्विक बाजारों में मंदी के रुख के कारण स्टॉकिस्टों की ताजा बिकवाली के चलते राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आ गईं. कारोबार के दौरान सोना 400 रुपये की गिरावट के साथ 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, सोमवार को सोना 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुआ था. हालांकि, विदेशी बाजारों में चांदी के भाव में गिरावट के बाद मुनाफावसूली के कारण चांदी 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही.

इसके अलावा, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी अपने रिकॉर्ड स्तर से 400 रुपये गिरकर 77,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया. सोमवार को पिछले बंद भाव में यह 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई.

एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष एवं शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘ब्याज दरों में कटौती को लेकर बाजार की धारणा तटस्थ बनी हुई है, जिसमें 0.25 (चौथाई) प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़े अनुरूप आ रहे हैं, जिससे दरों में बड़ी कटौती की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं.’’