Gold-Silver Price: फेस्टिव सीजन में सोने-चांदी के दामों में रिकॉर्ड हाई वाली तेजी जारी है. रिटेल भाव ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. हालांकि, वायदा बाजार में आज गुरुवार (24 अक्टूबर) को गोल्ड और सिल्वर की कीमतें रिकॉर्ड हाई से नीचे नजर आईं. दरअसल, बुधवार को ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली आने से दाम फिसल गए थे. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स पर इंट्राडे में 2772 डॉलर का रिकॉर्ड बनाकर सोना करीब 40 डॉलर लुढ़क गया था तो घरेलू बाजार में 800 रुपए की गिरावट आई. चांदी भी 2900 रुपए टूटी थी.

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हालांकि, आज ट्रेड की शुरुआत हरे निशान में ही हुई है. MCX पर सोना 181 रुपये की बढ़त के साथ 77,993 रुपये प्रति 10 ग्राम पर नजर आया. कल इसकी क्लोजिंग 77,812 रुपये पर हुई. सिल्वर के दामों में 577 रुपये की तेजी आई थी और ये 97,537 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर दर्ज हुआ. ये कल की क्लोजिंग 96,960 रुपये से 0.6% ऊपर है.

फेस्टिव सीजन में कहां सोने-चांदी का रिटेल भाव?

राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में तेजी के साथ सोने और चांदी की कीमतें बुधवार को नए रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गईं. इसका मुख्य कारण त्योहारी और शादी-विवाहर के मौसम की मांग है. अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी.

सोना 500 रुपये बढ़कर 81,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया, जबकि चांदी 1,000 रुपये बढ़कर 1.02 लाख रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमतें क्रमशः 500-500 रुपये बढ़कर 81,500 रुपये प्रति 10 ग्राम और 81,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं.

चांदी 1,000 रुपये बढ़कर 1.02 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो मंगलवार को 1.01 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. पिछले छह कारोबारी सत्रों में चांदी की कीमतों में 10,000 रुपये की तेजी आई है. 16 अक्टूबर से सोने में 2,850 रुपये प्रति 10 ग्राम की वृद्धि हुई है.

एसकेआई कैपिटल के प्रबंध निदेशक, नरिंदर वाधवा के अनुसार, हाजिर बाजार और एमसीएक्स में चांदी की कीमतों का एक लाख रुपये तक पहुंचना, भारत में मौसमी मांग और पश्चिम एशिया संघर्ष से भू-राजनीतिक जोखिम जैसे कई अन्य कारकों का स्पष्ट प्रतिबिंब है. जुलाई में, सरकार द्वारा सोने और अन्य धातुओं पर मूल सीमा शुल्क में कटौती के बाद स्थानीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में सात प्रतिशत की तीव्र गिरावट आई थी.

हालांकि, चालू त्योहारों की वजह से, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और भू-राजनीतिक तनावों के कारण भारतीय उपभोक्ताओं की मांग बढ़ने से सर्राफा की कीमतों में उछाल आया.