Gold ETF में निवेशकों ने भर-भरकर डाले पैसे, 2023 में छह गुना बढ़ गया निवेश; ये 3 वजहें रहीं सबसे बड़ा ट्रिगर
Gold ETF: निवेशक उच्च महंगाई दर, इसे काबू में लाने के लिए ब्याज दर में वृद्धि और वैश्विक स्तर पर तनाव के बीच सुरक्षित माने जाने वाले इस परंपरागत निवेश उत्पाद को तरजीह दे रहे हैं.
सोने में निवेश से जुड़े वित्तीय उत्पाद गोल्ड एक्सचेंज ट्रेड फंड (ETF- Exchange Traded Fund) में निवेश बीते वर्ष इससे पिछले साल की तुलना में छह गुना होकर 2,820 करोड़ रुपये रहा. निवेशक उच्च महंगाई दर, इसे काबू में लाने के लिए ब्याज दर में वृद्धि और वैश्विक स्तर पर तनाव के बीच सुरक्षित माने जाने वाले इस परंपरागत निवेश उत्पाद को तरजीह दे रहे हैं.
Gold ETF में निवेशक और असेट बेस बढ़ा
म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ के अंतर्गत संपत्ति आधार और निवेशकों के खातों की संख्या भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है. गोल्ड ईटीएफ, एक्सचेंज में कारोबार वाला कोष (ईटीएफ) है. यह घरेलू भौतिक सोने (Domestic Physical Gold) के भाव पर नजर रखता है. यह कोष आधारित निवेश उत्पाद है, जो सोने की कीमतों पर आधारित होता है और इसके तहत सोने में निवेश किया जाता है.
अगस्त, 2023 में हुआ सबसे ज्यादा निवेश
आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ में 2023 में 2,290 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. यह 2022 के 459 करोड़ रुपये के प्रवाह से कहीं अधिक है. बीते वर्ष सिर्फ अगस्त में इस कोष में 1,028 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो 16 माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
क्या रहीं सबसे बड़ी वजहें?
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सुरक्षित निवेश को लेकर सोने के प्रति आकर्षण बना हुआ है. महंगाई से उत्पन्न जोखिम से बचाव को लेकर लोग इसमें निवेश कर रहे हैं. मुख्य रूप से महंगाई बढ़ने, इसे काबू में लाने के लिये ब्याज दर में वृद्धि और वैश्विक स्तर पर जारी तनाव के साथ निवेशक सुरक्षित माने जाने वाले सोने में निवेश को तरजीह दे रहे हैं.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ऊंची मुद्रास्फीति और उसके बाद ब्याज दर में बढ़ोतरी से सोने के प्रति आकर्षण बढ़ा है. इसके अलावा इजराइल और हमास के बीच युद्ध के कारण बढ़े वैश्विक तनाव ने इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक और सुरक्षित निवेश विकल्प बना दिया है.’’ जेरोधा फंड हाउस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल जैन ने कहा कि भारतीयों का भौतिक सोने के साथ सदियों पुराना जुड़ाव रहा है. जबकि गोल्ड ईटीएफ जैसे निवेश उत्पाद अपनाने के मामले में वे धीमे रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘समय के साथ डिजिटलीकरण का उपयोग बढ़ने और व्यापक रूप से उत्पादों की उपलब्धता के साथ निवेशक गोल्ड ईटीएफ के विकल्प का चयन सहजता के साथ कर रहे हैं. हमने जो अस्थिरता देखी है, उसे देखते हुए सोने में निवेश एक अच्छा कदम है.’’ निवेश बढ़ने के साथ गोल्ड फंड के अंतर्गत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां दिसंबर, 2023 के अंत में 27 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 27,336 करोड़ रुपये पहुंच गईं. एक साल पहले यह 21,455 करोड़ रुपये के स्तर पर थीं. बीते वर्ष वर्ष में गोल्ड ईटीएफ के अंतर्गत फोलियो (खाता) संख्या बढ़कर 49.11 लाख हो गयी, जो दिसंबर, 2022 में 46.38 लाख थी.
03:49 PM IST