FPI in October: लगातार दूसरे महीने विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में बिकवाल दिख रहे हैं. फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने अक्टूबर में अब तक इंडियन स्टॉक मार्केट से 7458 करोड़ की निकासी की है. इससे पहले सितंबर महीने में एफपीआई ने कुल 7624 करोड़ की निकासी की थी. भारतीय बाजार के सेंटिमेंट में विदेशी निवेशकों का बड़ा योगदान होता है. बीते सप्ताह निफ्टी में 0.74 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 17185 के स्तर पर बंद हुआ. बैंक निफ्टी 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 39305 के स्तर पर बंद हुआ.

फेड के अग्रेसिव रुख से लिक्विडिटी घट रहा है

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IIFL Securities के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा  कि जियो पॉलिटिकल टेंशन और ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन का बाजार के सेंटिमेंट पर नेगेटिव असर दिख रहा है. फेडरल रिजर्व का इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी को लेकर अग्रेसिव रुख अभी जारी रहेगा, जिससे लिक्विडिटी पर दबाव बढ़ेगा. इसका असर इकोनॉमिक स्लोडाउन पर भी होगा.

एफपीआई ने अब तक 1.76 लाख करोड़ निकाले

फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) ने 2022 में अब तक 1.76 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं. कोटक सिक्यॉरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख, श्रीकांत चौहान ने कहा कि आने वाले महीनों में जियो पॉलिटिकल सिचुएशन और महंगाई जैसे कारणों से एफपीआई इन्फ्लो अस्थिर रह सकता है. इससे पहले एफपीआई ने अगस्त में 51,200 करोड़ रुपए का और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था. जुलाई से पहले विदेशी निवेशक पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ महीने तक शुद्ध बिकवाल बने रहे थे.

आने वाले समय में डॉलर और मजबूत होगा

मॉर्निंगस्टार इंडिया में एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई द्वारा हालिया निकासी व्यापक रूप से अमेरिका एवं अन्य देशों के केंद्रीय बैकों द्वारा मौद्रिक नीति में सख्ती से उपजी चिंताओं की वजह से की गयी जिससे वैश्विक आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की बिकवाली का मुख्य कारण डॉलर में लगातार वृद्धि और ये अनुमान हैं कि आने वाले समय में डॉलर में मजबूती जारी रहेगी.

तिमाही नतीजों से तय होगा बाजार का मूड

घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह घोषित होने वाले तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी. इसके अलावा विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. उन्होंने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड में रुझान भी कारोबार को प्रभावित करेंगे. स्वस्तिका इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बाजार की नजर दूसरी तिमाही के नतीजों और वैश्विक रुझानों पर होगी. इस हफ्ते कई वित्तीय कंपनियों और सीमेंट कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं. वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बहुत है जिसका प्रभाव हमारे बाजार पर भी पड़ सकता है.’’

टेक्निकल आधार पर बाजार का मूड पॉजिटिव

आईआईएफएल सिक्यॉरिटीज के एक्सपर्ट अनुज गुप्ता ने कहा कि इस सप्ताह निफ्टी के लिए 16800 पर सपोर्ट है जिसके बाद दूसरा सपोर्ट 16550 के स्तर पर है. 17350 पर पहला और 17700 के स्तर पर दूसरा अवरोध है. तिमाही नतीजे मजबूत आने से बाजार का सेंटिमेंट पॉजिटिव होगा. टेक्निकल आधार पर निफ्टी अगर 17350 का स्तर तोड़ता है तो यह 17700 की तरफ आगे बढ़ेगा. अगर बैंक निफ्टी 39800 के ऊपर बना रहता है तो यह 40500 की तरफ रुख करेगा. टेक्निकल आधार पर इस सप्ताह के लिए ट्रेंड पॉजिटिव है.

 

(भाषा इनपुट के साथ)