सिक्यॉरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स पर कंफ्यूजन दूर, टाइपो एरर सुधारने के लिए अमेंडमेंट लेकर आएगी सरकार
वित्त मंत्रालय ने सिक्यॉरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स यानी STT को लेकर चल रहे कंफ्यूजन को दूर कर दिया है. ऑप्शन सेलिंग पर टैक्स रेट 100 रुपए पर 5 पैसा से बढ़ाकर 6.2 पैसा कर दिया है. फाइनेंस बिल 2023 के टाइपो में सुधार के बाद इसे दोबारा लोकसभा से पास कराया जाएगा.
आज सदन से फाइनेंस बिल 2023 पास हो गया. इस बिल में सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी STT को लेकर जो बदलाव को मंजूरी मिली है उसको लेकर दिनभर कंफ्यूजन रहा. अब वित्त मंत्रालय की तरफ से इसपर सफाई जारी की गई है. वित्त मंत्रालय ने साफ-साफ कहा कि ऑप्शन बेचने पर लगने वाला STT 0.05 फीसदी से बढ़ाकर 0.062 फीसदी कर दिया गया है. इसकमें इसमें 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इसे आसान भाषा में समझें तो वर्तमान में ऑप्शन बेचने पर STT यानी सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स 100 रुपए पर 5 पैसे का होता है. अब इसे बढ़ाकर 100 रुपए पर 6.2 पैसे कर दिया गया है.
क्या था टाइपो एरर?
Finance Bill 2023 में टाइपो एरर के कारण पहले ये खबर आई थी कि ऑप्शन बेचने पर अब 0.017 फीसदी की जगह 0.021 फीसदी का टैक्स लगेगा. मतलब, 100 रुपए का ऑप्शन बेचने पर पहले 1.7 पैसा लगा रहा था जिसे बढ़ाकर 2.1 पैसा कर दिया गया. इसे लोकसभा से मंजूरी भी मिल चुकी है. जब बिल की डीटेल सामने आई तो सवाल उठने लगे. यह कहा गया कि ऑप्शन बेचने पर वर्तमान में 0.05 फीसदी का STT यानी सिक्यॉरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स लगता है. मतलब, 100 रुपए का ऑप्शन बेचने पर 5 पैसे का STT लगता है जो बढ़ाई गई दर के मुकाबले ढ़ाई गुणा ज्यादा है. ऐसे में बदलाव का कोई मतलब नहीं बनता है.
गलती सुधार के साथ अमेंडमेंट पेश किया जाएगा
चूंकि टाइपो एरर के साथ फाइनेंस बिल 2023 लोकसभा में पास किया जा चुका है. ऐसे में गलती को सुधार करने के बाद सरकार फिर से इसे लोकसभा में अमेंडमेंट के साथ पेश करेगी. इसे "Errata" के माध्यम से बदलाव किया जाएगा. इस प्रोसेस के तहत किसी भी तरह के टाइपो एरर को अपडेट किया जाता है.
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