फर्जी शेयर बाजार के जरिए हुआ करोड़ों का ट्रांजैक्शन, सरकार को लगी 1.95 करोड़ की चपत, जानिए पूरा मामला
Fake Share Market Case: ये मामला मुंबई का है और मुंबई पुलिस ने करोड़ों रुपए के फर्जी शेयर बाजार का खुलासा किया है. शेयर बाजार के नाम पर Dummy मार्केट चलता था और मुंबई में इस बाजार को डब्बा ट्रेडिंग भी कहते है. सबसे पहले जानते हैं कि डब्बा ट्रेडिंग क्या होती है?
Fake Share Market Case: अभी तक आपने शेयर बाजार और शेयर बाजार से होने वाले मुनाफे के बारे में सुना होगा. लेकिन क्या कभी फर्जी शेयर बाजार और डब्बा ट्रेडिंग के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो यहां मुंबई का एक मामला जान लीजिए, जहां डब्बा ट्रेडिंग के जरिए फर्जी शेयर बाजार दिखाकर करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है. इससे सरकार को ही करीब 2 करोड रुपए का नुकसान हुआ है. बता दें कि ये मामला मुंबई का है और मुंबई पुलिस ने करोड़ों रुपए के फर्जी शेयर बाजार का खुलासा किया है. शेयर बाजार के नाम पर Dummy मार्केट चलता था और मुंबई में इस बाजार को डब्बा ट्रेडिंग भी कहते है. सबसे पहले जानते हैं कि डब्बा ट्रेडिंग क्या होती है?
क्या होती है डब्बा ट्रेडिंग
यह शेयरों में ट्रेडिंग का अवैध मॉडल है. इसमें ट्रेडिंग रिंग चलाने वाले स्टॉक एक्सचेंज प्लैटफॉर्म के बाहर अवैध तरीके से इक्विटी में व्यापार करवाते हैं. ये तय रिटर्न का लालच देते हुए कोई ऐप बना लेते हैं. फिर हवाला से पैसे का लेनदेन करते हैं ताकि इनकम टैक्स की नजर से बचे रहें. लोगों को लगता है कि वे शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं. लेकिन असल में ये फर्जीवाड़ा होता है.
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डब्बा ट्रेडिंग में कैसे होता है काम?
बता दें कि डब्बा ट्रेडिंग के मामले में पूरा लेन-देन कैश में होता था. Moody एप्लीकेशन के जरिए गैरकानूनी ट्रेडिंग होती थी. छानबीन करने पर पता चला कि जतिन मेहता नाम का एक शख्स इसे संचालित करता था और इसके पास किसी तरह का कोई भी आवश्यक लाइसेंस नहीं था. बाद में मुंबई पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
बता दें कि रेड के दौरान पुलिस के साथ NSE और MCX के अधिकारी भी मौजूद थे. ऐसा बताया जा रहा है कि मार्च 2023 से लेकर 20 जून 2023 तक करीब 4000 करोड़ से अधिक का टर्नओवर हुआ. हालांकि इससे सरकार को बड़ी चपत लगी है और सरकार के खेमे में 2 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज हुआ.
सरकार को हुआ करीब ₹2 करोड़ का नुकसान
बता दें कि इस पूरे मामले की वजह से सरकार को रेवेन्यू में करीब ₹1.95 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. क्योंकि इस तरह की ट्रेडिंग में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स, स्टेट गवर्नमेंट स्टांप ड्यूटी टैक्स, SEBI टर्नओवर फीस, स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग रेवेन्यू को शामिल नहीं किया जाता.
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डब्बा ट्रेडिंग से कैसे होता है फायदा?
दरअसल, Dummy Market में प्रॉफिट होने पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति 15-20 लाख का प्रॉफिट कमाता है तो उसे टैक्स के रूप में 15-30 परसेंट इनकम टैक्स के रूप में देना पड़ता है. लेकिन डब्बे ट्रेडिंग में ऐसा नहीं होता. इसी तरह से लीगल ट्रेडिंग की बात करें तो इसमें निवेशक को ब्रोकर चार्ज के अलावा कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स और सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स भी देना पड़ता हैं.
मुंबई पुलिस ने जब्त किया ये सामान
- 5 मोबाइल फोन
- 1 टैब
- 1 लैपटॉप
- 1 पेपर शेडर
- 1 राउटर
- 1 पेनड्राइव
- ₹50,000 कैश
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