Editor's Take: नए RBI गवर्नर के सामने क्या हैं चुनौतियां? बाजार को कहां से मिलेगा डायरेक्शन?
Editor's Take: केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल का 10 दिसंबर को आखिरी दिन है, उनकी जगह रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ले रहे हैं. ऐसे में उनके सामने क्या चुनौतियां होंगी और बाजार का विश्लेषण अभी क्या कहता है, जानिए मार्केट गुरु अनिल सिंघवी की राय.
Editor's Take: घरेलू शेयर बाजार में दो महीनों की गिरावट के बाद दिसंबर महीना आखिरकार थोड़ा स्थिर चल रहा है. इस हफ्ते बाजार मजबूती का ट्रेंड दिखा रहे हैं. हालांकि, इसके बावजूद अभी बाजार में कोई साफ डायरेक्शन नहीं दिखा रहे. आज एक और खबर फोकस में है. केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल का 10 दिसंबर को आखिरी दिन है, उनकी जगह रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ले रहे हैं. ऐसे में उनके सामने क्या चुनौतियां होंगी और बाजार का विश्लेषण अभी क्या कहता है, जानिए मार्केट गुरु अनिल सिंघवी की राय.
नए RBI गवर्नर के लिए क्या हैं चुनौतियां?
भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के सामने कई अहम चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौती महंगाई को काबू में करना है, जो आम लोगों और सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. साथ ही, देश की ग्रोथ को फिर से रफ्तार देना भी उनकी प्राथमिकता होगी. बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखना और ब्याज दरों में कटौती को लेकर सही समय और सही कदम उठाना उनके कार्यकाल के महत्वपूर्ण पहलू होंगे.
कैसे रहेंगे नए RBI गवर्नर?
नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की नियुक्ति शक्तिकांता दास के अनुभव से मेल खाती है, क्योंकि वे भी वित्त मंत्रालय से आए हैं. उम्मीद है कि मल्होत्रा मौजूदा नीतियों को आगे बढ़ाएंगे और बैंकिंग सेक्टर के साथ अर्थव्यवस्था की बारीक समझ का उपयोग करेंगे. वे महंगाई और ग्रोथ के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेंगे. इसके अलावा, गिरते हुए रुपये को संभालना और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना उनकी प्राथमिकता होगी. वित्त मंत्रालय से जुड़ाव होने के कारण ग्रोथ पर उनका खास फोकस रहेगा.
FIIs के मन में क्या है?
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) फिलहाल इंतजार की स्थिति में हैं. न तो वे बड़ी खरीदारी कर रहे हैं और न ही बड़े स्तर पर बिकवाली. ऊंचे स्तर पर बाजार की तेजी के बावजूद उन्होंने खरीदारी पर रोक लगाई है. कल FIIs ने अपने पसंदीदा FMCG सेक्टर के शेयरों में बिकवाली की. नए एलोकेशंस और बड़े कमिटमेंट से पहले FIIs स्पष्ट दिशा का इंतजार कर रहे हैं.
डायरेक्शन कब और किस तरफ मिलेगा?
पिछले दो दिनों से निफ्टी में lower low, lower high का ट्रेंड देखने को मिल रहा है, और हल्की गिरावट के साथ क्लोजिंग हुई है. अगर निफ्टी 24450 और बैंक निफ्टी 52650 के नीचे बंद होता है, तो बाजार में कमजोरी बढ़ सकती है. हालांकि, दोनों तरफ ट्रेडिंग के मौके मिलेंगे. FIIs की बिकवाली के चलते ऊपरी स्तर पर मुनाफावसूली करने की सलाह दी जा रही है. अगर निफ्टी 24750 और बैंक निफ्टी 53900 के ऊपर बंद होता है, तो बाजार में जबरदस्त तेजी आ सकती है.