डीमैट खातों की संख्या अगस्त में पहली बार 10 करोड़ के पार, क्या आगे भी बढ़ेगा ये नंबर?
कोविड के बाद से डीमैट खातों की संख्या में लगातार बढ़त देखने को मिल रही है. कोरोना के पहले कुल डीमैट खातों की संख्या करीब 4 करोड़ थी, जो अगस्त में पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई.
शेयर बाजार के अच्छे प्रदर्शन का नतीजा कहें या बाजार पर बढ़ रहे निवेशकों का भरोसा, जो डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ पार पहुंच गई है. यह आंकड़ा अगस्त 2022 तक का है. खास बात यह है कि डीमैट खातों की संख्या कोविड के बाद तेजी से बढ़ी है. कोरोना महामारी के पहले कुल डीमैट खातों की संख्या करीब 4 करोड़ थी.
बीते महीने तक केवल CDSL के पास करीब सवा 7 करोड़ डीमैट खाते, जो NSDL के पास डीमैट खातों से काफी ज्यादा है. बता दें कि जून में गिरावट के बाद निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ा है. ज़ी बिजनेस के रिसर्च एनलिस्ट कुशल गुप्ता के मुताबिक डीमैट खातों की संख्या में आगे भी बढ़त देखने को मिलेगी, क्योंकि आने वाले दिनों में काफी IPO खुलेंगे. ऐसे में डीमैट खातों की संख्या में भी बढ़ोतरी दिख सकती है.
लगातार बढ़ रही डीमैट खातों की संख्या
डीमैट खातों के आंकड़ों की बात करे तो वित्त वर्ष 2022-23 में यह लगातार बढ़ी ही है. अप्रैल में कुल डीमैट खातों की संख्या जहां 9.21 करोड़ थी, वहीं मई में 9.48 करोड़, जून में 9.65 करोड़, जुलाई में 9.83 करोड़ थी. डीमैट खातों का यह आंकड़ा अगस्त में पहली बार 10.05 करोड़ हो गई. इससे साफ दिख रहा है कि इक्विटी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ा है.
क्या होता है डीमैट खाता?
डीमैट खाता शेयर बाजार में ट्रेड के लिए अनिवार्य है. इन खातों में आपकी सभी सिक्योरिटी डिजिटल रूप में सुरक्षित रखी जाती है. जब आप कोई सौदा खरीदते या बेचते हैं तो ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से होता है. जबकि बैंक अकाउंट पैसों का ट्रांजेक्शन देखते हैं, सिक्योरिटी को सुरक्षित रखना डीमैट अकाउंट का काम है.
कितनी तरह के होते हैं डीमैट खाते?
रेगुलर डीमैट खाता: शेयर मार्केट में हाल ही में शुरुआत किए जाने वाले लोगों के लिए ये खाता खुलवाया जाता है. इसमें निवेशक देश में ही रह कर यहीं के शेयर में निवेश करते हैं. आप ये खाता किसी भी डिपॉजिट्री यानि की CDSL या NSDL पर रजिस्टर्ड ब्रोकर से खुलवा सकते हैं.
रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट: ये खाता NRI यानि की नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स के लिए होता है. इसके जरिए NRI लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने का मौका मिलता है. इस खाते के जरिए विदेशों में भी पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके लिए आपके पास NRE बैंक अकाउंट होना जरूरी है.
नॉन-रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट: ये खाते भी नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स (NRI) के लिए होते हैं, लेकिन इसके जरिए विदेशों में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. ये खाता खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिनकी देश के अन्दर और बाहर दोनों जगह कमाई है. इसके लिए आपके पास NRO खाते का होना जरूरी है. इस खाते का उपयोग देश और विदेश की कमाई को एक साथ मैनेज करने के लिए किया जाता है.