Debt Mutual Fund: फिक्‍स्‍ड इनकम वाली सिक्‍युरिटीज में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड यानी डेट फंड्स से जनवरी- मार्च 2022 की तिमाही में 1.2 लाख करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ है. डेट फंड के लिक्विड, शॉर्ट ड्यूरेशन और कॉरपोरेट बॉन्‍ड स्‍कीम्‍स जैसे सेगमेंट से निवेशकों ने बड़े पैमाने पर पैसे निकाले हैं. मॉर्निंगस्टार इंडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. इसके साथ ही इस कैटेगरी में 2021-22 के दौरान कुल नेट आउटफ्लो 68,471 करोड़ रुपये हो गया. इससे पिछले वित्त वर्ष में 2.3 लाख करोड़ की नेट इनफ्लो यानी निवेश आया था. 

16 में से 15 डेट कैटेगरी से आउटफ्लो 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डेट म्‍यूचुअल फंड कैटेगरी में दिसंबर, 2021 तिमाही के दौरान 21,277 करोड़ रुपये का निवेश आया था. रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2022 को समाप्त तिमाही के दौरान 16 फिक्‍सड इनकम या डेट फंड कैटेगरी में से 15 में से निकासी हुई. मार्च 2022 तिमाही के दौरान केवल ओवरनाइट फंड सेगमेंट में 7,802 करोड़ रुपये का निवेश आया. रिपोर्ट के मुताबिक, डेट फंड्स से मार्च में 1.15 लाख करोड़ रुपये और फरवरी में 8,274 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जबकि जनवरी में 5,087 करोड़ रुपये की शुद्ध निवेश आया था.

 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें 

डेट म्‍यूचुअल फंड का एसेट बेस घटा 

मॉर्निंगस्टार इंडिया ने कहा कि आमतौर पर वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में फिक्‍स्‍ड इनकम कैटेगरी यानी डेट सेगमेंअ नेट आउटफ्लो देखने को मिलता है. ऐसा इसलिएए क्‍योंकि ज्‍यादातर फंड्स से इंस्‍टीट्यूशनल इन्‍वेस्‍टर पैसे निकालते हैं. इनमें डेट सेगमेंट की लिक्विड, अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म, मनी मार्केट जैसी कैटेगरी से टैक्‍स पेमेंट्स के लिए निवेशक निकासी करते हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2022 के दौरान डेट म्‍यूचुअल फंड का एसेट बेस घटकर 13 लाख करोड़ रुपयेपर आ गया. जो इससे पिछली तिमाही में 14.05 लाख करोड़ रुपये था. डेट फंड कैटेगरी में कुल एसेट का करीब 50 फीसदी हिस्‍सा लिक्विड, अल्‍ट्राशॉर्ट टर्म, मनी मार्केट और ओवरनाइट फंड सेगमेंट का है.