Budget 2023: हर साल की तरह इस साल भी ब्रोकर्स (Brokers) की बजट को लेकर लंबी चौडी विशलिस्ट है. ब्रोकर्स की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से मांगों में सेबी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के लिए इंडस्ट्री का दर्जा, इनकम क्लासिफिकेशन घटाया जाए, शामिल हैं. और क्या-क्या उम्मीदें हैं और इससे क्या फायदे होंगे? इस पर ज़ी मीडिया संवाददाता ब्रजेश कुमार ने ANMI के प्रेसिडेंट कमलेश शाह और CPAI के प्रेसिडेंट नरिंदर वाधवा से बात की.

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वाधवा का कहना है कि ब्रोकर संगठनों की बजट में वित्त मंत्री से 7 कमोडिटी पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की है. उनका कहा है कि मांग कि सौदे करने की लागत को घटाया जाए. सौदा करना महंगा होने पर मार्केट शिफ्ट होने का डर है.

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इसके अलावा, STT, CTT के लिए 88E के तहत छूट मिलनी चाहिए. सेक्शन 111 A के तहत STCG पर 1 लाख रुपये की छूट. कारोबार आसान करने के लिए और कदम उठाए जाएं. NRI KYC, PMS AIF, ESOP फाइनेंसिंग आसान हो. सेक्शन 194 के तहत TDS कटौती सीमा 10,000 रुपये हो. बीते साल एग्री कमोडिटी ट्रेडिंग में लगी पाबंदी खत्म हो.

ब्रोकर्स की वित्त मंत्री से मांगें 

  • सेबी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के लिए इंडस्ट्री का दर्जा 
  • इनकम क्लासिफिकेशन घटाया जाए, ताकि आसानी हो 
  • STT, CTT के लिए 88E के तहत छूट मिलनी चाहिए 
  • सेक्शन 111 A के तहत STCG पर 1 लाख रु की छूट 
  • कारोबार आसान करने के लिए और कदम उठाए जाएं 
  • NRI KYC, PMS AIF, ESOP फाइनेंसिंग आसान हो 
  • सेक्शन 194 के तहत TDS कटौती सीमा 10,000 रु हो 
  • बीते साल एग्री कमोडिटी ट्रेडिंग में लगी पाबंदी खत्म हो 

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BANDS 

  • ब्रोकर संगठनों की बजट में वित्त मंत्री से मांग 
  • 7 कमोडिटी पर लगी पाबंदी हटाने की मांग 
  • मांग कि सौदे करने की लागत को घटाया जाए 
  • सौदा करना महंगा होने पर मार्केट शिफ्ट होने का डर  

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