एक्सिस म्यूचुअल फंड फ्रंट रनिंग मामले में ED ने बड़ी करवाई की है. ED ने आज सुबह डीलर वीरेश जोशी और कई ब्रोकर पर छापेमारी शुरू की है. ED ने फेमा में एक्सिस म्यूचुअल फंड फ्रंट रनिंग मामले में केस भी रजिस्टर किया है. SEBI और इनकम टैक्स पहले से ही एक्सिस म्यूचुअल फंड फ्रंट रनिंग मामले में करवाई कर चुके हैं.

क्या है मामला?

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सेबी के सर्विलांस सिस्टम ने कुछ अलर्ट जनरेट किए थे. इससे पता चला था कि कुछ संदिग्ध इकाइयों ने ऐसे ट्रेड किए थे, जो दिखने में बिल्कुल फ्रंट रनिंग जैसे लग रहे थे. यह ट्रेड एक्सिस म्यूचुअल फंड के ट्रेड से पहले किए गए थे. बता दें कि फ्रंट रनिंग का ये मामला 1 सितंबर 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच का है. इसमें स्टॉक एक्सचेंज के कुछ सदस्यों पर भी इस मामले में मिले होने का पता चला.

जब जांच हुई तो पता चला कि संदिग्ध इकाइयां और स्टॉक एक्सचेंज के कुछ सदस्य आपसे में मिलकर फ्रंट रनिंग कर रहे थे. पाया गया कि ट्रेड से जुड़ी कई तरह की गोपनीय जानकारियों को इन सदस्यों ने लीक करने का काम किया. जैसे ही एक्सिस म्यूचुअल फंड ने पोजीशन ली, वैसे ही एक्सिस म्यूचुअल फंड के तत्कालीन प्रमुख डीलर वीरेश जोशी से जुड़े कुछ लोगों ने अपनी पोजीशन को स्वायर ऑफ कर दिया यानी शेयर बेच दिए. इस तरह इन लोगों ने गलत तरीके से मोटा मुनाफा कमाया.

क्या होती है फ्रंट रनिंग?

जैसा कि इसका नाम है फ्रंट रनिंग यानी आगे भागना, यह होता भी बिल्कुल वैसे ही है. कई बार ये देखा गया है कि कुछ म्यूचुअल फंड की तरफ से लोगों के पैसों को किसी शेयर में निवेश किए जाने से पहले उसके कुछ अधिकारी उस शेयर को खरीद लेते हैं. इससे होता ये है कि जब म्यूचुअल फंड की तरफ से भारी-भरकम रकम उस शेयर में डाली जाती है, तो अधिकतर मामलों में देखा गया है कि उसके दाम में एक बड़ा उछाल आता है. इस तरह म्यूचुअल फंड के अधिकारी या उससे जुड़े अधिकारी गलत तरीके से मोटी कमाई कर लेते हैं.