सवालों के घेरे में 'अदानी'! क्या हैं Hindenburg के 88 सवाल? Adani Group के शेयर में क्यों आया भूचाल- पढ़ें ये स्पेशल रिपोर्ट
Adani Group Hindenburg Report: इस रिपोर्ट के चलते दुनिया के सबसे बड़े रईसों में शुमार गौतम अडानी (Gautam Adani) को 45 हजार करोड़ रुपए का झटका लगा. Hindenburg Research की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप में सबकुछ ठीकठाक नहीं है.
Adani Group Hindenburg Report: अदानी ग्रुप (Adani Group) आज दिनभर से चर्चा में है. चर्चा की वजह है अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research की एक निगेटिव रिपोर्ट. इस रिपोर्ट के चलते दुनिया के सबसे बड़े रईसों में शुमार गौतम अडानी (Gautam Adani) को 45 हजार करोड़ रुपए का झटका लगा. Hindenburg Research की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप में सबकुछ ठीकठाक नहीं है. ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अदानी ग्रुप पर 88 सवाल उठाए हैं. हिंडेनबर्ग के वो कौन से 88 सवाल हैं? क्यों आई शेयरों में इतनी बड़ी गिरावट? कितनी घट गई अदानी ग्रुप की मार्केट कैप और LIC के निवेश का क्या हुआ हाल?
अडानी ग्रुप से पूछे गए 88 सवाल?
Hindenburg Research ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल उठाए हैं. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से पूछा गया है कि गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश अडानी को ग्रुप का एमडी क्यों बनाया गया है? उनके ऊपर कस्टम टैक्स चोरी, फर्जी इंपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और अवैध कोयले का इंपोर्ट करने का आरोप है. हिंडनबर्ग ने पूछा है कि गौतम अडानी के बहनोई समीरो वोरा का नाम डायमंड ट्रेडिंग स्कैम में आने के बाद भी अडानी ऑस्ट्रेलिया डिवीजन का एक्जक्यूटिव डॉयेरक्टर क्यों बनाया गया है? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब अब तक अदानी ग्रुप ने नहीं दिया है.
Adani Group पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप
- ग्रुप के शेयर चढ़ाने के लिए परिवार का पैसा विदेशी रूट से निवेश
- ग्रुप के शेयरों को चढ़ाने के लिए ऑपरेटरों का इस्तेमाल
- पैसा गलत ढंग से बाहर भेजा, कारोबार बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया
- परिवार के कई सदस्य जांच के घेरे में रहे, विवादों से जुड़ाव
- खातों में गड़बड़ी इसीलिए 8 साल में 4 CFO ने इस्तीफा दिया
धराशाई हुए अदानी ग्रुप के शेयर, 85% से तक गिरावट संभव
हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में किए गए दावों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई. अडानी टोटल गैस के शेयर पर 20% का लोअर सर्किट लगा, जबकि अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 20 फीसदी तक धराशाई हो गया. अंबूजा सीमेंट भी 22 फीसदी तक टूटा. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी ग्रुप के शेयर 85% तक टूट सकते हैं.
अदानी ग्रुप के मार्केट कैप में भारी गिरावट
- 2 दिन में अदानी ग्रुप का 4.1 लाख करोड़ का मार्केट कैप साफ
- 19.4 लाख करोड़ से घटकर 15.30 लाख करोड़ हुआ मार्केट कैप
- 2 दिन में अदानी ग्रुप के शेयरों में औसत 19.4% की गिरावट
- 9 में से 6 लिस्टेड कंपनियों के शेयर 20% से ज्यादा गिरे
- लिस्टेड कंपनियों ने 60 हजार करोड़ से ज्यादा का मार्केट कैप गंवाया
2 दिन में कितना मार्केट कैप गंवाया?
कंपनी MCap गंवाया (`Cr) गिरावट
अदानी एंटरप्राइजेज 64000 -16%
अदानी पोर्ट्स 36000 -22%
अदानी टोटल 110000 -25%
अदानी ट्रांसमिशन 84000 -27%
अदानी ग्रीन 68000 -22%
अंबुजा सीमेंट 23000 -23%
अदानी पावर 10000 -10%
ACC 9000 -20%
अदानी विल्मर 7000 -10%
कुल 411000 -
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LIC की निवेश वैल्यू `18300 Cr घटी
कंपनी निवेश वैल्यू घटी (`Cr)
अदानी एंटरप्राइजेज 2700
अदानी टोटल 6350
अदानी ग्रीन 875
अदानी ट्रांसमिशन 3050
अदानी पोर्ट 3300
ACC 570
अंबुजा सीमेंट 1460
कुल 18305
Bill Ackman ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की तारीफ
- US के दिग्गज निवेशक Bill Ackman ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की तारीफ की
- रिपोर्ट को 'उच्च विश्वसनीयता' वाला और 'बेहतरीन रिसर्च' बताया
- Caveat emptor यानि खरीदने वाले सावधान रहें
कौन हैं Bill Ackman?
- अमेरिका के दिग्गज निवेशक और हेज फंड मैनेजर हैं
- Pershing Square Capital Management के CEO, `1.5 लाख करोड़ का AUM
- 2012 में Herbalife नाम की एक कंपनी पर रिसर्च रिपोर्ट निकाली थी
- रिपोर्ट में Herbalife के बिजनेस मॉडल को 'पिरामिड स्कीम' जैसा बताया था
- Bill ने Herbalife के वायदा की जगह सीधे शेयरों में बिकवाली की
- रिपोर्ट के बाद Herbalife का शेयर 3 दिन में 20% लुढ़का था
क्या है अदानी ग्रुप का रिस्पॉन्स?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंडेनबर्ग ने गैर भारतीय इंस्ट्रूमेंट्स से अडानी ग्रुप में शार्ट पोजीशन ली है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को आधारहीन बताया है. ग्रुप ने मीडिया स्टेटमेंट में कहा है कि रिपोर्ट छापने से पहले हमसे कोई संपर्क नहीं किया गया. हिंडेनबर्ग ने तथ्यों की जांच किए बगैर रिपोर्ट छापी है. रिपोर्ट में गलत जानकारियां दी गई हैं. लगाए गए आरोप कोर्ट से पहले ही खारिज हो चुके हैं. कंपनी का कहना है कि FPO आने से पहले रिपोर्ट गलत इरादे से छापी गई है. ग्रुप में कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों का पालन किया जाता है. निवेशकों का उनपर भरोसा है.