Adani FPO: हिंडनबर्ग रिसर्च की निगेटिव रिपोर्ट का असर इतना ज्यादा पड़ा कि अदानी ग्रुप को अपना FPO वापस लेना पड़ा. बीते हफ्ते हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके बाद से अदानी ग्रुप के शेयर लगातार टूट रहे हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अदानी ग्रुप का कुल मार्केट कैप लगभग 9 लाख करोड़ रुपए तक गिर गया है. ग्रुप का मार्केट कैप 19.4 लाख करोड़ से गिर कर हुआ 10.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है. इन्हीं कारणों को देखते हुए और निवेशकों को और नुकसान ना हो, इसके लिए अदानी ग्रुप ने 1 फरवरी को Adani Enterprises का FPO वापस लेने का फैसला किया था. अदानी ग्रुप का FPO वापस लेने के फैसले से बाजार और कंपनी पर इसका क्या असर पड़ेगा और आज Adani Enterprises के शेयर में निवेशकों को क्या करना चाहिए, इस पर ज़ी बिजनेस क मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपनी राय दी है. 

क्रेडिट सुईस की खबर के चलते गिरे शेयर

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अनिल सिंघवी ने बताया कि ग्लोबल रिसर्च फर्म क्रेडिट सुईस ने अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के नोट्स को जीरो लेंडिंग वैल्यू दी. ब्लूमबर्ग के हवाले से ये खबर आई थी. इस फैसले का मतलब ये है कि अब अदानी ग्रुप के बॉन्ड को मार्जिन लोन के सिक्योरिटी के रूप में लेना बंद कर दिया. 

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Adani FPO क्यों लेना पड़ा वापस? निवेशकों को समझाने के लिए खुद सामने आए गौतम अदानी, जानें डीटेल्स

1 फरवरी को FPO वापस लेने का फैसला

1 फरवरी देर रात अदानी ग्रुप ने अदानी एंटरप्राइजेज के FPO को वापस लेने का फैसला किया. FPO वापस लेते समय अदानी ग्रुप की ओर से निवेशकों के लिए एक बयान जारी किया गया. बयान में कहा गया कि निवेशकों के पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे. हालांकि 2 फरवरी की सुबह अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी (Gautam Adani) ने निवेशकों के नाम एक वीडियो मैसेज जारी किया. इस वीडियो मैसेज में गौतम अदानी ने आश्वासन दिया कि FPO में पैसा लगाने वाले निवेशकों का पूरा पैसा वापस लौटा दिया जाएगा, मार्केट में जब गिरावट थम जाएगी तो उसके बाद दोबारा मजबूती के साथ वापसी की जाएगी.