Adani FPO: अदानी ग्रुप ने अदानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को लेकर बड़ा फैसला किया है. अदानी ग्रुप (Adani Group) ने अपना FPO वापस लेने का फैसला किया है. बता दें कि कंपनी ने हाल ही में अदानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का FPO जारी किया था और 31 जनवरी तक यहां निवेशकों को पैसा लगाने का मौका था. लेकिन बजट वाले दिन कंपनी ने अपने FPO को वापस लेने का फैसला किया है. हालांकि निवेशकों के पैसे को वापस करने का भी वादा किया है. कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो निवेशकों के पैसे को वापस कर देगी, लेकिन अब FPO को वापस लेने का फैसला लिया जा चुका है. 

निवेशकों के पैसे वापस लौटाने का वादा

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बता दें कि कंपनी ने 20000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए FPO को जारी किया था. ये FPO, 27 जनवरी को खुला था और 31 जनवरी इसकी क्लोजिंग डेट थी. लेकिन 1 फरवरी के दिन अदानी ग्रुप ने अदानी एंटरप्राइजेज के FPO को वापस लेने का फैसला किया और निवेशकों के पैसे वापस लौटाने का वादा किया. 

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निवेशक के हित में लिया फैसला

अदानी ग्रुप की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, ये FPO निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. अदानी ग्रुप का कहना है कि ये FPO निवेशकों के हित में वापस लिया गया है. इसके अलावा FPO में आई रकम निवेशकों को वापस लौटाई जाएगी. कंपनी ने अपने बयान में बताया कि वो बुक रनिंग लीड मैनेजर्स  (BRLMs) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि निवेशकों को उनका पैसा वापस लौटाया जा सके. 

किस वजह से वापस लिया FPO?

अदानी ग्रुप के बयान के मुताबिक, कंपनी का कहना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव और मौजूदा स्थिति को देखते हुए कंपनी ने अपने निवेशकों के हितों में FPO को वापस लेने का फैसला लिया है. अदानी एंटरप्राइजेज चेयरमैन गौतम अदानी ने बयान में कहा कि बोर्ड सभी निवेशकों का धन्यवाद करता है, जिन्होंने भी FPO में पैसा लगाया था. 

नैतिकता को ध्यान में रखते हुए वापस लिया FPO?

गौतम अदानी ने आगे कहा कि बीते हफ्ते स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव के बीच भी निवेशकों ने अपना भरोसा कंपनी के प्रति दिखाया. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) के बाद से अदानी ग्रुप के स्टॉक्स में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी, जिसके बाद कंपनी ने फैसला लिया कि गिरावट के बीच FPO लाना नैतिकता नहीं होगी. 

कंपनी के संचालन पर नहीं पड़ेगा असर

कंपनी ने अपने बयान में कहा कि इस फैसले के बाद से कंपनी के ऑपरेशन्स और फ्यूचर प्लान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कंपनी लॉन्ग टर्म वैल्यू क्रिएशन पर अपना फोकस जारी रखेगी. एक बार जब मार्केट स्थिर हो जाएगा तो हम कैपिटल मार्केट स्ट्रैटेजी की समीक्षा करेंगे.