ऑनलाइन फूड डिलीवरी (Food Delivery) कंपनी जोमैटो (Zomato) ने इस साल की पहली तिमाही का रिजल्ट जारी कर दिया है. जून तिमाही में कंपनी को 2 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. यह पहली बार है जब कंपनी मुनाफे में आई है. पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी को 186 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. मार्च तिमाही में भी कंपनी को 188 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि आखिर कंपनी का बिजनेस मॉडल (Zomato Business Model) क्या है और कंपनी कैसे पैसे कमाती है. आइए समझते हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऑनलाइन फूड डिलीवरी में सबसे बड़ी क्रांति 2012 में आई थी. उसी दौरान 3 दोस्तों ने मिलकर एक कंपनी फूडपांडा की शुरुआत की थी. कंपनी का बिजनेस बढ़ते-बढ़ते 45 देशों तक फैल गया और हर रोज लगभग 2 लाख ऑर्डर आने लगे. देखते ही देखते कंपनी की वैल्यू 3 अरब डॉलर की हो गई. उसके बाद कंपनी की हालत खराब होने लगी और  इस कंपनी को ओला ने 2017 में सिर्फ 250 करोड़ रुपये में खरीद लिया. ओला ने भी इसमें करीब 500 करोड़ लगाए, लेकिन2019 में कंपनी बंद करनी पड़ी. इस वक्त बाजार में जोमैटो और स्विगी सबसे बड़ी फूड डिलीवरी कंपनियां हैं. इस सेक्टर में आज तक तमाम कंपनियां आईं, लेकिन तगड़ा मुनाफा नहीं कमा पाएं. दीपिंदर गोयल के जोमैटो ने भी पहली बार मुनाफा दर्ज किया है, वह भी महज 2 करोड़ रुपये का. 

क्या है जोमैटो का बिजनेस मॉडल?

कंपनी एक-दो नहीं बल्कि कई तरीकों से पैसे कमाती है. पिछले कई सालों से कंपनी मुनाफा नहीं कमा पा रही थी, लेकिन अब कंपनी फायदे में आई है. आइए जानते हैं किन-किन तरीकों से कंपनी की होती है कमाई.

1- रेस्टोरेंट लिस्ट कराना और विज्ञापन लेना

जोमैटो की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा कंपनी के ऐप पर रेस्टोरेंट लिस्ट कराने से आता है. ऐप पर ही कंपनी कई रेस्टोरेंट के विज्ञापन दिखाती है और बदले में उनसे पैसे चार्ज करती है. जिस रेस्टोरेंट को जोमैटो जितनी ज्यादा विजिबिलिटी देता है, उससे उतनी ही ज्यादा फीस वसूलता है और कमाई करता है.

2- डिलीवरी फीस भी कमाई का तरीका

जब आप जोमैटो से कुछ भी ऑर्डर करते हैं तो उस पर तीन तरह का चार्ज चुकाते हैं. पहला प्रोडक्ट यानी खाने की कीमत. दूसरा रेस्टोरेंट हैंडलिंग चार्ज. वहीं तीसरे नंबर पर आता है डिलीवरी चार्ज, जो जोमैटो आपसे चार्ज करता है किसी भी प्रोडक्ट को डिलीवर कराने के लिए.

3- रेस्टोरेंट से कमीशन

कई बार आपने देखा होगा कि किसी रेस्टोरेंट का खाना जोमैटो पर महंगा दिखता है. ऐसा इसलिए क्योंकि तमाम रेस्टोरेंट को जोमैटो के ऐप पर लिस्ट होने के लिए एक कमीशन चुकाना होता है. ऐसे में जोमैटो से खाना मंगवाने पर यह चार्ज भी रेस्टोरेंट ग्राहकों से ही वसूलते हैं.

4- लॉयल्टी प्रोग्राम से भी कमाता है जोमैटो

जोमैटो ने अपने लॉयल्टी प्रोग्राम से अधिक से अधिक ग्राहकों को खुद से जोड़ने की कोशिश की है. तमाम कंपनियों की तरह जोमैटो भी एक लॉयल्टी प्रोग्राम चलाता है, जिससे वह अधिक से अधिक ग्राहकों को खुद से जोड़ता है. अभी जोमैटो 149 रुपये में तीन महीने के लिए जोमैटो गोल्ड का सब्सक्रिप्शन दे रही है. यह भी कंपनी की कमाई का एक जरिया है. हालांकि, कंपनियां इसे कमाई से ज्यादा ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के टूल की तरह देखती हैं और इसके चलते बाकी तरीकों से होने वाली कमाई खुद ही बढ़ जाती है.

5- इवेंट्स टिकट सेल भी कमाई का जरिया

जोमौटो की तरफ से कुछ खास इवेंट की टिकट बेची जाती हैं. इन इवेंट के जरिए ग्राहकों को एक खास रेस्टोरेंट तक पहुंचाया जाता है. इससे उस रेस्टोरेंट की कमाई होती है और उसका एक हिस्सा जोमैटो को मिलता है.

6- जोमालैंड इवेंट का आयोजन

जोमैटो की तरफ से समय-समय पर जोमालैंड इवेंट का आयोजन किया जाता है. इस इवेंट में उस शहर के बहुत सारे लोग जमा होते हैं, जिस शहर में यह इवेंट होता है. यह एक तरह का फूड एंटरटेनमेंट कार्निवल होता है, जिससे कंपनी तगड़ी कमाई करती है.