जीरोधा (Zerodah) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) समर्थित स्टार्टअप Third Wave Coffee में साल खत्म होते-होते छंटनी (Layoff) हो गई है. यह एक स्पेशियलिटी कॉफी और फूड ब्रांड है, जिसने एक स्ट्रेटेजिक रिव्यू के बाद एफिशिएंसी को बढ़ाने के मकसद से टीम को छोटा करने का फैसला किया है. फंडिंग विंटर (Funding Winter) के बीच छंटनी की खबर ने एक बार फिर से स्टार्टअप इंडस्ट्री में चिंता को बढ़ा दिया है.

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वैसे तो कंपनी ने निकाले जाने वाले कर्मचारियों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है, लेकिन न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या 100 के करीब हो सकती है. यह संख्या कंपनी के करीब 10 फीसदी कर्मचारियों के बराबर है. कंपनी की तरफ से की गई इस छंटनी का असर कंपनी के कई विभागों पर पड़ेगा, जिसमें टेक्नोलॉजी, फाइनेंस, मार्केटिंग, बिजनेस डेवलपमेंट और ऐप डेवलपमेंट भी शामिल हैं. 

कुछ वक्त पहले ही जुटाई थी बड़ी फंडिंग

बेंगलुरु के इस स्टार्टअप ने छंटनी करने का फैसला ऐसे समय में किया है, जब इसने हाल में एक बड़ा फंडिंग राउंड किया है. इस फंडिंग राउंड के जरिए कंपनी ने करीब 35 करोड़ डॉलर  यानी लगभग 291 करोड़ रुपये जुटाए थे. कंपनी ने यह फंडिंग सीरीज सी राउंड के तहत जुटाई थी. इस फंडिंग में सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्म क्रीजीस, वेस्टब्रिज कैपिटल और उड़ान के सुजीत कुमार ने हिस्सा लिया था. बता दें कि थर्ड वेव में निखिल कामत के अलावा अनएकेडमी के गौरव मुंजाल और रोमन सैनी ने भी पैसे लगाए हैं.

2 महीने की एडवांस सैलरी

खबर है कि इस छंटनी में कुछ सीनियर कर्मचारियों की भी नौकरी गई है. बताया जा रहा है कि निकाले गए कर्मचारियों को 2 महीने की एडवांस सैलरी दी जा रही है. वहीं अगर कर्मचारी काम करना चाहते हैं तो उन्हें 15 फरवरी तक काम करने का विकल्प भी दिया जा रहा है. हालांकि, छंटनी के बाद कर्मचारी दूसरी नौकरी ढूंढते हैं तो ये मुमकिन नहीं लगता कि कोई फरवरी तक काम करने के लिए राजी होगा.

करीब 100 स्टोर हैं कंपनी के

Third Wave Coffee की शुरुआत साल 2017 में आयुष बथवाल, अनिरुद्ध शर्मा और सुशांत गोयल ने की थी. इस कंपनी ने तेजी से अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और पुणे समेत भारत के तमाम बड़े शहरों में कंपनी के करीब 100 स्टोर हैं, जिनके जरिए कंपनी तगड़ी कमाई कर रही है.