साल 2023 अधिकतर स्टार्टअप्स (Startups) के लिए बहुत ही संघर्ष भरा रहा. इसकी सबसे बड़ी वजह है फंडिंग विंटर (Funding Winter). साल 2023 में कई स्टार्टअप्स को फंडिंग ना मिलने की वजह से परेशानी हुई. कुछ की हालत तो इतनी खराब हो गई कि 2023 में कई स्टार्टअप्स को अपना बिजनेस बंद (Business Shut Down) करना पड़ा. Dunzo और Byju's की हालत बहुत खराब हो गई. वहीं कई स्टार्टअप ऐसे भी रहे जिन्होंने हालातों से सीख ली और अपना बिजनेस मॉडल (Business Model) बेहतर किया. यही वजह है कि बर्न मॉडल से ऊपर उठकर Zomato, Swiggy और Meesho जैसे स्टार्टअप प्रॉफिटेबल हो सके. 

2023 में सिर्फ 7 अरब डॉलर की फंडिंग

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भारत के स्टार्टअप (Startup) ईकोसिस्टम में चल रहा फंडिंग विंटर (Funding Winter) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, उल्टा यह और ज्यादा गहराता जा रहा है. साल 2023 में भारत के स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर 7 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई है. अगर पिछले 5 सालों की बात करें तो इस साल की फंडिंग सबसे कम रही है. पिछले साल स्टार्टअप्स ने करीब 25 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई थी. इस तरह पिछले साल की तुलना में स्टार्टअप फंडिंग में करीब 72 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़े स्टार्टअप्स के डेटा दिखाने वाले प्लेटफॉर्म Tracxn की Geo Annual Report: India Tech 2023 रिपोर्ट से सामने आए हैं.

कुछ स्टार्टअप हुए प्रॉफिटेबल, कुछ ने टाले आईपीओ

इस साल कई स्टार्टअप्स के आईपीओ भी आए, लेकिन प्रॉफिटेबल ना हो पाने की वजह से कुछ स्टार्टअप्स ने अपना आईपीओ टाल दिया. इनमें से ही हैं PharmEasy और Udaan, जिन्होंने प्रॉफिटेबल ना हो पाने के चलते आईपीओ टाल दिया. Zomato, Swiggy और Meesho ने अपने बिजनेस मॉडल में कुछ अहम बदलाव किए और सिर्फ पैसे खर्च करने पर फोकस ना करते हुए अपने बिजनेस को प्रॉफिटेबल बनाया. हालांकि, Swiggy, Ola और Byju’s जैसी कंपनियों को वैल्युशन घटने का झटका भी झेलना पड़ा.

2023 में बने सिर्फ 2 यूनिकॉर्न

कोरोना काल जैसे-जैसे खत्म होने लगा, वैसे-वैसे स्टार्टअप (Startup) की दुनिया में तगड़ी फंडिंग (Funding) देखने को मिली. साल 2021 में बहुत सारे स्टार्टअप्स ने तगड़ी फंडिंग जुटाई और करीब 44 यूनिकॉर्न बने. हालांकि, 2022 में तमाम निवेशकों को ये समझ आने लगा कि बिजनेस को बढ़ाने के नाम पर बहुत सारे स्टार्टअप तेजी से फंडिंग के पैसों को खर्च कर रहे हैं. इसी वजह से साल 2022 में स्टार्टअप्स को मिलने वाली फंडिंग में गिरावट आने लगी. यही वजह है कि 2022 में सिर्फ 21 स्टार्टअप ही यूनिकॉर्न बने. साल 2023 आते-आते फंडिंग विंटर का दौर शुरू हो गया और इस साल Incred Finance और Zepto सिर्फ 2 ही स्टार्टअप यूनिकॉर्न (Unicorn) बन पाए.

साल 2023 का पूरा साल ही स्टार्टअप के लिए फंडिंग विंटर (Funding Winter) वाला रहा. इस दौरान भी बहुत सारे स्टार्टअप बंद हुए. इनमें Anar, Belora Cosmetics,  Fantok, Dealshare B2B Business, ConnectedH, DUX Education, Pillow, Zestmoney, OSlash और Purple Pay जैसे स्टार्टअप भी शामिल हैं.

2023 में इन 10 स्टार्टअप को मिली सबसे ज्यादा फंडिंग

1- PhonePe

लिस्ट में सबसे ऊपर है PhonePe, जिसे कुल मिलाकर 850 मिलियन डॉलर यानी करीब 7021 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है. कंपनी का वैल्युएशन अभी करीब 12 अरब डॉलर है.

2- Lenskart

दूसरे नंबर पर आता है Lenskart, जिसने करीब 600 मिलियन डॉलर यानी लगभग 5000 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है. 

3- DMI Finance

लिस्ट में तीसरे नंबर पर है DMI Finance, जिसे साल 2023 में कुल मिलाकर 400 मिलियन डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

4- Ola Electric

टॉप-10 की इस लिस्ट में चौथा नंबर Ola Electric का है, जिसे 384 मिलियन डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

5- Builder.ai

साल 2023 में Builder.ai को करीब 250 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2000 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है. इसी के साथ ये स्टार्टअप टॉप-10 की लिस्ट में पांचवें नंबर पर है.

6- Zepto

2023 में यूनिकॉर्न बनने वाला Zepto इस लिस्ट में छठे नंबर पर आता है, जिसे 231 मिलियन डॉलर यानी करीब 1900 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

7- Perfios

टॉप-10 की लिस्ट में सातवें नंबर पर है फिनटेक स्टार्टअप Perfios, जिसने 299 मिलियन डॉलर यानी करीब 2500 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

8- Insurance Dekho

फिनटेक स्टार्टअप Insurance Dekho को इस साल 210 मिलियन डॉलर यानी करीब 1750 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

9- Zetwerk

टॉप-10 फंडिंग वाले स्टार्टअप्स की लिस्ट में नौवें नंबर पर है एंटरप्राइज टेक स्टार्टअप Zetwerk, जिसने 2023 में कुल मिलाकर 120 मिलियन डॉलर यानी करीब 1000 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है.

10- Mintifi

इस लिस्ट में दसवें नंबर पर है एक फिनटेक स्टार्टअप Mintifi, जिसे 110 मिलियन डॉलर यानी करीब 9200 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.