कोरोना काल जैसे-जैसे खत्म होने लगा, वैसे-वैसे स्टार्टअप (Startup) की दुनिया में तगड़ी फंडिंग (Funding) देखने को मिली. साल 2021 में बहुत सारे स्टार्टअप्स ने तगड़ी फंडिंग जुटाई और करीब 44 यूनिकॉर्न बने. हालांकि, 2022 में तमाम निवेशकों को ये समझ आने लगा कि बिजनेस को बढ़ाने के नाम पर बहुत सारे स्टार्टअप तेजी से फंडिंग के पैसों को खर्च कर रहे हैं. इसी वजह से साल 2022 में स्टार्टअप्स को मिलने वाली फंडिंग में गिरावट आने लगी. यही वजह है कि 2022 में सिर्फ 21 स्टार्टअप की यूनिकॉर्न बने. साल 2023 आते-आते फंडिंग विंटर का दौर शुरू हो गया और इस साल सिर्फ 2 ही स्टार्टअप यूनिकॉर्न (Unicorn) बन पाए. ऐसा नहीं है कि फंडिंग बिल्कुल रुक गई है. आइए जानते हैं साल 2023 में फंडिंग पाने वाले टॉप-10 स्टार्टअप्स कौन से रहे.

2023 में इन 10 स्टार्टअप को मिली सबसे ज्यादा फंडिंग

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1- लिस्ट में सबसे ऊपर है PhonePe, जिसे कुल मिलाकर 850 मिलियन डॉलर यानी करीब 7021 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है. कंपनी का वैल्युएशन अभी करीब 12 अरब डॉलर है.

2- दूसरे नंबर पर आता है Lenskart, जिसने करीब 600 मिलियन डॉलर यानी लगभग 5000 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है. 

3- लिस्ट में तीसरे नंबर पर है DMI Finance, जिसे साल 2023 में कुल मिलाकर 400 मिलियन डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

4- टॉप-10 की इस लिस्ट में चौथा नंबर Ola Electric का है, जिसे 384 मिलियन डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

5- साल 2023 में Builder.ai को करीब 250 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2000 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है. इसी के साथ ये स्टार्टअप टॉप-10 की लिस्ट में पांचवें नंबर पर है.

6- 2023 में यूनिकॉर्न बनने वाला Zepto इस लिस्ट में छठे नंबर पर आता है, जिसे 231 मिलियन डॉलर यानी करीब 1900 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

7- टॉप-10 की लिस्ट में सातवें नंबर पर है फिनटेक स्टार्टअप Perfios, जिसने 299 मिलियन डॉलर यानी करीब 2500 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

8- फिनटेक स्टार्टअप Insurance Dekho को इस साल 210 मिलियन डॉलर यानी करीब 1750 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

9- टॉप-10 फंडिंग वाले स्टार्टअप्स की लिस्ट में नौवें नंबर पर है एंटरप्राइज टेक स्टार्टअप Zetwerk, जिसने 2023 में कुल मिलाकर 120 मिलियन डॉलर यानी करीब 1000 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है.

10- इस लिस्ट में दसवें नंबर पर है एक फिनटेक स्टार्टअप Mintifi, जिसे 110 मिलियन डॉलर यानी करीब 9200 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

Startup Funding में 72% की गिरावट

भारत के स्टार्टअप (Startup) ईकोसिस्टम में चल रहा फंडिंग विंटर (Funding Winter) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, उल्टा यह और ज्यादा गहराता जा रहा है. साल 2023 में भारत के स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर 7 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई है. अगर पिछले 5 सालों की बात करें तो इस साल की फंडिंग सबसे कम रही है. पिछले साल स्टार्टअप्स ने करीब 25 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई थी. इस तरह पिछले साल की तुलना में स्टार्टअप फंडिंग में करीब 72 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़े स्टार्टअप्स के डेटा दिखाने वाले प्लेटफॉर्म Tracxn की Geo Annual Report: India Tech 2023 रिपोर्ट से सामने आए हैं.

दिसंबर तिमाही में सबसे कम फंडिंग

दिसंबर तिमाही में सबसे कम फंडिंग हुई, जो करीब 957 मिलियन डॉलर रही. सितंबर 2016 की तिमाही के बात यह सबसे कम फंडिंग वाली तिमाही रही. फंडिंग में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही लास्ट-स्टेज फंडिंग में आई तगड़ी गिरावट. 2022 में यह 15.6 अरब डॉलर थी, जो 2023 में करीब 73 फीसदी गिरकर 4.2 अरब डॉलर पर आ गई है.

इन शहरों के स्टार्टअप्स को मिली सबसे ज्यादा फंडिंग

अगर भारत के टॉप फंडिंग शहरों की बात करें तो इसमें बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर टॉप पर हैं. फंडिंग के मामले में अब भारत दुनिया में चौथे नंबर से गिरकर पांचवें नंबर पर पहुंच चुका है. अगर 100 मिलियन डॉलर के फंडिंग राउंड्स की बात करें इस साल ऐसी सिर्फ 17 ट्रांजेक्शन हुईं. पिछले साल 100 अरब डॉलर की ट्रांजेक्शन की तुलना में यह आंकड़ा करीब 69 फीसदी कम है. 

फिनटेक सेक्टर की भी हुई बहुत कम फंडिंग

इस साल फिनटेक स्टार्टअप्स को करीब 2.1 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल हुई है. पिछले साल यह आंकड़ा 5.8 अरब डॉलर था. पूरे फिनटेक सेक्टर की बात करें तो 38 फीसदी फंडिंग तो सिर्फ फोनपे को मिली है, जो करीब 750 मिलियन डॉलर रही. Perfios, Insurancedekho और Kreditbee जैसी कंपनियां इस साल सबसे अधिक फंडिंग पाने वाले स्टार्टअप्स में शामिल हैं.

कौन रहे टॉप इन्वेस्टर?

अगर बात निवेशकों की करें तो साल 2023 में अब तक LetsVenture, Accel और Blume Ventures टॉप इन्वेस्टर्स रहे हैं. इस साल भारत में 2 नए यूनिकॉर्न बने हैं, जिनके नाम Incred और Zepto हैं. अगर पिछले साल की बात करें तो 2022 में कुल 23 यूनिकॉर्न बने थे. वहीं अगर आईपीओ की बात करें तो 2022 में 19 स्टार्टअप के आईपीओ आई थी, जबकि इस साल 18 स्टार्टअप्स के आईपीओ आए हैं.