साल 2023 भले ही तमाम स्टार्टअप्स (Startup) के लिए फंडिंग विंटर (Funding Winter) रहा हो, लेकिन GenAI Startups के मामले में यह बहुत शानदार रहा. 2023 में दुनिया भर के निवेशकों ने एआई स्टार्टअप्स (AI Startups) पर जमकर पैसा लगाया. अगर तुलनात्मक रूप से देखें तो साल 2021 की तुलना में 2023 में करीब 110 फीसदी की बढ़त देखने को मिली, मतलब निवेश दोगुने से भी ज्यादा हो गया. यह आंकड़े एक लीडिंग डेटा एंड एनालिटिक्स कंपनी GlobalData की तरफ से जारी किए गए हैं.

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GlobalData के फाइनेंशियल मार्केट टीम के डायरेक्टर आदर्श जैन ने कहा कि पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप की दुनिया में जो फंडिंग विंटर का दौर आया है, उसकी सबसे बड़ी वजह हैं बढ़ी हुई ब्याज दरें. साथ ही मंदी का डर और कठिन आर्थिक परिस्थितियां भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं. इन चुनौतियों के बावजूद GenAI Startups ने रिकॉर्ड फंडिंग हासिल की है. उन्होंने कहा कि साल 2024 में भी यह स्टार्टअप तेजी से पैसे जुटाना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि GenAI के मामले में पेटेंटिंग एक्टिविटी की बात करें तो यह पिछले 5 सालों में करीब 85 फीसदी CAGR रहा है. 

तमाम सेक्टर्स में कंपनियां तेजी से GenAI से जुड़े टैलेंट हायर कर रही हैं. निवेशक भी GenAI से जुड़ी कंपनियों में तेजी से निवेश कर रहे हैं. जैसे गूगल ने जब अपने एआई Gemini की घोषणा की तो उसका शेयर इस खबर से करीब 5 फीसदी तक चढ़ गया था. हाल ही में Sarvam AI ने 41 मिलियन डॉलर की फऱंडिंग उठाई है. Assembly AI ने भी कुछ वक्त पहले ही 50 मिलियन डॉलर जुटाए हैं.

भारत में स्टार्टअप्स का बुरा हाल

भारत के स्टार्टअप (Startup) ईकोसिस्टम में चल रहा फंडिंग विंटर (Funding Winter) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, उल्टा यह और ज्यादा गहराता जा रहा है. साल 2023 में भारत के स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर 7 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई है. अगर पिछले 5 सालों की बात करें तो इस साल की फंडिंग सबसे कम रही है. पिछले साल स्टार्टअप्स ने करीब 25 अरब डॉलर की फंडिंग उठाई थी. इस तरह पिछले साल की तुलना में स्टार्टअप फंडिंग में करीब 72 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़े स्टार्टअप्स के डेटा दिखाने वाले प्लेटफॉर्म Tracxn की Geo Annual Report: India Tech 2023 रिपोर्ट से सामने आए हैं.

दिसंबर तिमाही में सबसे कम फंडिंग

दिसंबर तिमाही में सबसे कम फंडिंग हुई, जो करीब 957 मिलियन डॉलर रही. सितंबर 2016 की तिमाही के बात यह सबसे कम फंडिंग वाली तिमाही रही. फंडिंग में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही लास्ट-स्टेज फंडिंग में आई तगड़ी गिरावट. 2022 में यह 15.6 अरब डॉलर थी, जो 2023 में करीब 73 फीसदी गिरकर 4.2 अरब डॉलर पर आ गई है.

इन शहरों के स्टार्टअप्स को मिली सबसे ज्यादा फंडिंग

अगर भारत के टॉप फंडिंग शहरों की बात करें तो इसमें बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर टॉप पर हैं. फंडिंग के मामले में अब भारत दुनिया में चौथे नंबर से गिरकर पांचवें नंबर पर पहुंच चुका है. अगर 100 मिलियन डॉलर के फंडिंग राउंड्स की बात करें इस साल ऐसी सिर्फ 17 ट्रांजेक्शन हुईं. पिछले साल 100 अरब डॉलर की ट्रांजेक्शन की तुलना में यह आंकड़ा करीब 69 फीसदी कम है. 

फिनटेक सेक्टर की भी हुई बहुत कम फंडिंग

इस साल फिनटेक स्टार्टअप्स को करीब 2.1 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल हुई है. पिछले साल यह आंकड़ा 5.8 अरब डॉलर था. पूरे फिनटेक सेक्टर की बात करें तो 38 फीसदी फंडिंग तो सिर्फ फोनपे को मिली है, जो करीब 750 मिलियन डॉलर रही. Perfios, Insurancedekho और Kreditbee जैसी कंपनियां इस साल सबसे अधिक फंडिंग पाने वाले स्टार्टअप्स में शामिल हैं.

कौन रहे टॉप इन्वेस्टर?

अगर बात निवेशकों की करें तो साल 2023 में अब तक LetsVenture, Accel और Blume Ventures टॉप इन्वेस्टर्स रहे हैं. इस साल भारत में 2 नए यूनिकॉर्न बने हैं, जिनके नाम Incred और Zepto हैं. अगर पिछले साल की बात करें तो 2022 में कुल 23 यूनिकॉर्न बने थे. वहीं अगर आईपीओ की बात करें तो 2022 में 19 स्टार्टअप के आईपीओ आई थी, जबकि इस साल 18 स्टार्टअप्स के आईपीओ आए हैं.