Women's Entrepreneurship Day: स्टार्टअप की दुनिया में झंडे गाड़ रहीं ये महिलाएं, बेहद यूनीक हैं इनके Business Idea
आज के वक्त में करीब 14,400 स्टार्टअप महिलाएं चला रही हैं. आइए आज Women's Entrepreneurship Day के मौके पर जानते हैं कुछ महिला आंत्रप्रेन्योर्स के बारे में, जिनके यूनीक स्टार्टअप आइडिया ने सबको कर दिया है इंप्रेस.
आज के वक्त में महिलाएं हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं. हर फील्ड में महिलाओं ने अपनी तगड़ी मौजूदगी दर्ज की है. स्टार्टअप (Startup) की दुनिया में भी महिलाओं का बड़ा योगदान है. हाल ही में WISER की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि पिछले 5 सालों में महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाले स्टार्टअप्स में 18 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. 2017 में करीब 6000 स्टार्टअप थे, जिनमें से 10 फीसदी स्टार्टअप की प्रमुख महिलाएं थीं. वहीं आज के वक्त में स्टार्टअप्स की संख्या करीब 80 हजार है, जिनमें से लगभग 18 फीसदी की प्रमुख महिलाएं हैं. यानी आज के वक्त में करीब 14,400 स्टार्टअप महिलाएं चला रही हैं. आइए आज Women's Entrepreneurship Day के मौके पर जानते हैं कुछ महिला आंत्रप्रेन्योर्स के बारे में, जिनके यूनीक स्टार्टअप आइडिया ने सबको कर दिया है इंप्रेस.
1- भाग्यश्री भंसाली
The Disposal Company की फाउंडर भाग्यश्री भंसाली महिला (29) आंत्रप्रेन्योर्स की दुनिया का बेहद युवा चेहरा हैं. द डिस्पोजल कंपनी की शुरुआत कोविड के दौरान अक्टूबर 2020 में भाग्यश्री ने की थी. आज तक ये कंपनी 5 लाख किलो प्लास्टिक वेस्ट को रीसाइकिल कर चुकी है. भाग्यश्री का ये यूनीक स्टार्टअप तमाम कंपनियों के साथ टाई-अप कर के बाजार से उतना प्लास्टिक रीसाइकिल करता है, जितना ब्रांड ने मार्केट में उतारा होता है. इस तरह द डिस्पोजल कंपनी एक ब्रांड को प्लास्टिक न्यूट्रल बनाने का काम करती है, जो प्रदूषण से लड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
2- काजल मलिक
गुरुग्राम की रहने वाली काजल मलिक ने अपने दोस्त विद्यार्थी बद्दीरेड्डी के साथ मिलकर गिग वर्कर्स के प्लेटफॉर्म PickMyWork की शुरुआत की. पिकमाईवर्क प्लेटफॉर्म पर कंपनी बहुत सारे काम लिस्ट करती है. इसमें कोई काम दुकानों में क्यूआर कोड लगाने का हो सकता है तो कोई काम लोन, इंश्योरेंस या क्रेडिट कार्ड बेचने का हो सकता है. जो व्यक्ति जितने टास्क पूरे करता है, उसे उसी हिसाब से पैसे मिल जाते हैं. इससे कंपनी को ये फायदा होता है कि उसे हर शहर में बिजनेस बढ़ाने के लिए ऑफिस खोलने की जरूरत नहीं होती है. वहीं गिग वर्कर्स को ये फायदा होता है कि वह एक साथ कई टास्क ले सकते हैं और नौकरी से अधिक पैसा कमा सकते हैं. स्टार्टअप का दावा है कि उनके साथ काम कर के गिगवर्कर्स हर महीने 30-45 हजार रुपये तक कमा सकते हैं.
3- स्मिता राम
स्मिता ने पीयर-टू-पीयर सोशल इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म शुरू किया है. इस प्लेटफॉर्म का नाम है Rang De और स्मिता इसकी को-फाउंडर और सीईओ हैं. इस प्लेटफॉर्म के जरिए तमाम निवेशकों को आंत्रप्रेन्योर्स, किसानों, महिलाओं और स्टूडेंट्स में पैसे लगाने में मदद मिलती है, जो बहुत ही लो-इनकम कम्युनिटी से आते हैं. रंग दे अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म से पैसे जुटाता है और उसका इस्तेमाल इन लो-इनकम कम्युनिटी को लोन देने में करता है. यह प्लेटफॉर्म तमाम लेंडर्स से सब्सक्रिप्शन फीस लेता है. अभी तक स्मिता की लीडरशिप में करीब 66 करोड़ रुपये का लोन तमाम लोगों को खातों में पहुंचाया जा चुका है.
4- कमालिका भट्टाचार्य
कमालिका भट्टाचार्य (Kamalika Bhattacharya) ने 2017 में QuoDeck नाम के स्टार्टअप की शुरुआत की थी, जो गेमिंग पर आधारित लर्निंग प्लेटफॉर्म (B2B SaaS employee training platform) है. गेमिंग आधारित लर्निंग के चलते सीखने में रुचि बनी रहती है. कमालिका कपनी की को-फाउंडर और सीईओ हैं. उनके स्टार्टअप में उनकी मदद करते हैं दूसरे को-फाउंडर अरिजीत लाहिरी. अपनी कैटेगरी में यह स्टार्टअप लीडर बना हुआ है और 50 लाख से भी अधिक लोगों को अपनी सेवाएं दे चुका है. इनमें फॉर्च्यून 500 क्लाइंट्स भी शामिल हैं, जैसे यूनीलीवर, वोडाफोन और फ्लिपकार्ट.
5- वंदना वर्मा
आपने तमाम तरह के स्टार्टअप्स के बारे में सुना होगा. वंदना वर्मा ने Martech Startup की शुरुआत की है, जिसका नाम है Wondrlab. यह एक मार्केटिंग टेक स्टार्टअप है, जो अलग-अलग बिजनेस को मार्केटिंग सॉल्यूशन मुहैया कराता है. यह स्टार्टअप डेटा और ऑटोमेशन की मदद से ब्रांड्स की मदद करता है. इसका फोकस ग्रोथ और स्किल एक्विजिशन पर रहता है. वंदना अपने लंबे अनुभव को अपने क्लाइंट्स की चुनौतियों से निपटने में इस्तेमाल करती हैं.