Shark Tank India के जज अनुपम मित्तल ने हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट डाली है. यह पोस्ट उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज से करीब 42 हजार लोगों की छंटनी को लेकर डाली है. उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस खबर पर सन्नाटा क्यों है, इसे खतरे की घंटी की तरह देखना चाहिए. अनुपम मित्तल के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर एक बहस सी छिड़ गई है.

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बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की वित्त वर्ष 2024 की रिपोर्ट में कर्मचारियों की कुल संख्या 3,47,362 रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2023 में 3,89,414 थी. इस तरह देखा जाए तो 42,050 लोगों की नौकरी साल भर में चली गई. इनमें से सबसे ज्यादा लोग रिलायंस रिटेल के रहे. रिलायंस रिटेल में 2023 में 2,45,581 लोग काम करते थे, जिनकी संख्या 2024 में घटकर 2,07,552 रह गई.

क्या लिखा है अनुपम मित्तल ने?

अनुपम मित्तल ने लिखा है- '42 हजार? इस खबर को लेकर इतना सन्नाटा क्यों है? इसे देखते हुए आर्थिक और राजनीतिक हलकों में गंभीर खतरे की घंटी बजनी चाहिए.' अब उनके इस ट्वीट के बाद कुछ लोग उनके खिलाफ रिएक्ट कर रहे हैं तो बहुत सारे लोग उनके हक में भी बात कर रहे हैं.

एक यूजर ने कहा है कि जो लोग निकाले गए हैं, उनमें से अधिकतर लोग रिटेल से थे. उनमें भी ज्यादातर पार्ट टाइम या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी थे, जो जरूरत के हिसाब से कम ज्यादा होते हैं. कंपनी ने करीब 1.7 लाख लोगों को दूसरे एरिया में काम दिया है. हो सकता है वह कुछ बदलाव कर रहे हों. इस पर पॉलिटिकल अटेंशन की क्या जरूरत? यह उनका बिजनेस डिसीजन है.

यूजर की बात पर रिएक्ट करते हुए अनुपम मित्तल ने लिखा- मेरा ये मतलब है कि अगर हमारी सबसे बड़ी कंपनी भी लोगों को नैकरी से निकाल रही है, तो नौकरी का हाल बहुत ही खराब होता जा रहा है. हमें पहले ही हर साल 8-10 मिलियन नौकरियों की जरूरत है. मैं ये नहीं कह रहा हूं कि इसे रिलायंस के साथ ही करना है, बल्कि इस पर काम करने के लिए एक बोल्ड प्लान की जरूरत है.

इस मामले में एक अन्य यूजर ने लिखा है कि यह कभी भी बिजनेस डिसीजन नहीं होता है. भारत में या दुनिया में किसी भी देश में कोई कंपनी कभी भी और किसी को भी नहीं निकाल सकती है.