Startup Vs Small Business: जानिए क्या होता है स्टार्टअप, एक छोटे बिजनेस से कैसे है अलग, दूर करें कनफ्यूजन
बहुत सारे ऐसे छोटे-छोटे बिजनेस भी हैं, जो खुद को स्टार्टअप कहते हैं, लेकिन असल में वह स्टार्टअप हैं नहीं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर स्टार्टअप होता क्या है? क्या ये बिजनेस का एक छोटा रूप है यानी छोटा बिजनेस (Small Business) है या फिर कुछ और है?
आज के वक्त में हर तरफ स्टार्टअप (Startup) की बातें सुनने को मिल रही हैं. कभी किसी को फंडिंग (Funding) मिलने की खबर आती है तो कभी किसी की सक्सेस स्टोरी (Success Story) सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है. यहां तक कि सरकारी ने भी स्टार्टअप्स की मदद के लिए स्टार्टअप इंडिया (Startup India) नाम की वेबसाइट की शुरुआत कर दी है. हालांकि, बहुत सारे ऐसे छोटे-छोटे बिजनेस भी हैं, जो खुद को स्टार्टअप कहते हैं, लेकिन असल में वह स्टार्टअप हैं नहीं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर स्टार्टअप होता क्या है? क्या ये बिजनेस का एक छोटा रूप है यानी छोटा बिजनेस (Small Business) है या फिर कुछ और है? आइए जानते हैं क्या होता है स्टार्टअप (What is Startup) और कैसे दूसरे बिजनेस से होता है अलग.
पहले जानिए क्या होता है छोटा बिजनेस
वैसे तो अधिकतर लोग छोटे बिजनेस को ही स्टार्टअप कह देते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है. एक छोटा बिजनेस पहले दिन से ही मुनाफा कमाने लगता है या कम से कम मुनाफा कमाने की कोशिश तो करता ही है. वहीं जब-जब उसे पैसों की जरूरत होती है तो वह कर्ज लेकर उससे निपटने की कोशिश करता है. जब वह काफी बड़ा हो जाता है तो जाकर वह शेयर बाजार में लिस्ट होता है और अपनी हिस्सेदारी बेचता है. एक सामान्य बिजनेस में अधिकतर हिस्सेदारी बिजनेस शुरू करने वाले के ही पास रहती है.
अब स्टार्टअप का मतलब समझिए
स्टार्टअप में एक-दो नहीं, बल्कि कई खूबियां होती हैं. जिसमें ये खूबियां होती हैं, उसे आप स्टार्टअप कह सकते हैं. आइए जानते हैं इन खूबियों के बारे में.
- तमाम स्टार्टअप में एक खास बात ये होती है कि वह किसी न किसी बड़ी समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश करते हैं.
- स्टार्टअप की एक खासियत यह भी है कि वह सिर्फ मुनाफा कमाने के मकसद से काम नहीं करता. इसी के चलते अधिकतर स्टार्टअप कई सालों तक मुनाफा नहीं कमा पाते.
- एक स्टार्टअप का पहला फोकस होता है पूरे मार्केट पर कब्जा करना. अगर पेटीएम, फ्लिपकार्ट, अमेजन, क्रेड का उदाहरण लें तो पूरे बाजार पर कब्जा करने के बावजूद ये स्टार्टअप मुनाफा नहीं कमा पाए हैं.
- स्टार्टअप की एक खूबी यह भी होती है कि वह तेजी से बड़ा होना चाहता है. स्टार्टअप के फाउंडर बाजार को अपने आइडिया से डिसरप्ट कर देना चाहते हैं यानी खलबली मचा देना चाहते हैं.
- स्टार्टअप को बहुत बड़ा बनना होता है, इसलिए उसे शुरुआत से ही बहुत सारे पैसों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में स्टार्टअप समय-समय पर कई राउंड की फंडिंग लेता है और अपनी पैसों की जरूरत को पूरा करता है. हालांकि, हर राउंड की फंडिंग के साथ स्टार्टअप फाउंडर या को-फाउंडर्स को अपनी कुछ इक्विटी देनी पड़ती है. इस तरह शुरुआत से ही धीरे-धीरे स्टार्टअप फाउंडर की हिस्सेदारी कम होती है. कई बार तो लंबी अवधि में स्टार्टअप फाउंडर इतने राउंड की फंडिंग ले लेता है कि उसकी हिस्सेदारी बहुत ज्यादा कम हो जाता है, लेकिन कंपनी बहुत बड़ी बन जाती है.