जब भी स्टार्टअप्स (Startup) का जिक्र होता है तो यूनिकॉर्न (Unicorn) का नाम सुनने को जरूर मिलता है. भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम दुनिया में तीसरे नंबर पर आता है. भारत में 100 से भी ज्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं. उम्मीद की जा रही है कि साल 2025 तक भारत में करीब 150 यूनिकॉर्न स्टार्टअप होंगे. जब भी यूनिकॉर्न स्टार्टअप का जिक्र होता है, तो लोग सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर इन्हें यूनिकॉर्न क्यों कहा जाता है? सवाल ये भी है कि आखिर कोई स्टार्टअप कब यूनिकॉर्न कहलाता है? कई बार तो लोगों में यह भी जानने की जिज्ञासा होती है कि आखिर भारत में कितने यूनिकॉर्न हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ.

पहले जानिए क्या होता है यूनिकॉर्न स्टार्टअप

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिस स्टार्टअप की वैल्युएशन 1 अरब डॉलर यानी करीब 8200 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाती है, उसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है. इस शब्द की शुरुआत 2013 में Aileen Lee ने की थी, जो एक वेंचर कैपिटलिस्ट हैं और Cowboy Ventures के फाउंडर हैं. उन्होंने इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल एक ब्लॉग पोस्ट में किया था, जिसमें लिखा था कि अमेरिका की 39 सॉफ्टवेयर कंपनियां 1 अरब डॉलर से ज्यादा वैल्युएशन वाली हो चुकी हैं. इन कंपनियों को उन्होंने यूनिकॉर्न कहा था, जिसके बाद बिजनेस और फाइनेंस की दुनिया में यह शब्द प्रचलित हो गया.

कैसे एक स्टार्टअप बनता है यूनिकॉर्न?

कोई भी स्टार्टअप रातों-रात यूनिकॉर्न नहीं बन जाता. इसके लिए सालों की मेहनत लगती है. काम के प्रति डेडिकेशन की जरूरत होती है. सालों तक जब ऐसा होता है जब जाकर कुछ स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन पाते हैं. आइए जानते हैं एक यूनिकॉर्न बनने के लिए स्टार्टअप में क्या-क्या होना चाहिए.

इनोवेशन करते रहें

अधिकतर यूनिकॉर्न सिर्फ इसलिए यूनिकॉर्न बन सके, क्योंकि उन्होंने कुछ इनोवेटिव काम किया. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने इनोवेशन को लगातार जारी भी रखा. तो अगर आपको भी अपने स्टार्टअप को एक दिन यूनिकॉर्न बनते देखना है तो आपको इनोवेशन पर ध्यान देना होगा.

सबसे पहले रहें

अधिकतर यूनिकॉर्न वह स्टार्टअप हैं, जिन्होंने उस इंडस्ट्री में सबसे पहले बिजनेस शुरू किया था. तो अपने स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनाने के लिए आपको अपनी इंडस्ट्री में सबसे आगे रहना होगा. जब आप अपनी इंडस्ट्री के दिग्गज बनेंगे, तभी यूनिकॉर्न की गद्दी तक पहुंच सकते हैं.

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

अधिकतर यूनिकॉर्न स्टार्टअप तकनीक पर आधारित बिजनेस हैं. आसान भाषा में समझें तो उनका बिजनेस मॉडल एक मजबूत तकनीक पर आधारित है. तो अगर आप टेक्नोलॉजी पर आधारित कोई बिजनेस शुरू करेंगे तो उसके यूनिकॉर्न बनने की संभावनाएं ज्यादा हैं. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि टेक्नोलॉजी वाले बिजनेस तेजी से वायरल हो जाते हैं और देखते ही देखते उनकी वैल्युएशन बढ़ती चली जाती है.

सोशल मीडिया का इस्तेमाल

अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए डिजिटल मीडिया के इस जमाने में सोशल मीडिया पर पहुंच होना बहुत जरूरी है. आप अपने स्टार्टअप या बिजनेस के बारे में सोशल मीडिया पर जितना ज्यादा शेयर करेंगे, लोग आपके बारे में उतना ही ज्यादा जानेंगे. सोशल मीडिया की मदद से अपने ब्रांड के लिए एक मजबूत मार्केट बनाना आसान होता है.

ग्राहक पर केंद्रित

वो कहते हैं ना कि ग्राहक भगवान होता है. जो भी सफल बिजनेस होते हैं, वह अपने ग्राहकों को सबसे ऊपर रखते हैं. प्रोडक्ट बनाने से लेकर उसकी पैकेजिंग, उसे बेचने और यहां तक कि आफ्टर सेल सर्विस तक ये बिजनेस ग्राहकों पर केंद्रित होते हैं. यूनिकॉर्न हर स्टेज पर यूजर एक्सपीरिएंस बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं.

आगे बढ़ने की मानसिकता

अगर आपको अपने स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनते देखना है तो इसके लिए सबसे जरूरी ये है कि आपकी आगे बढ़ने की मानसिकता हो. आप में और ज्यादा हासिल करने की भूख होनी चाहिए. आपके पास ऐसा बिजनेस प्लान होना चाहिए, जिसमें बिजनेस के विस्तार की स्ट्रेटेजी भी होनी चाहिए.