Video Chat की सुविधा देने वाला ये Startup हुआ बंद, अनजान लड़के-लड़कियां रात-रात भर इस पर करते थे बातें
सोशल मीडिया (Social Media) पर ढेर सारा वक्त बिताने वाले युवाओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. वीडियो चैटिंग की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म Omegle ने अपने बिजनेस बंद कर दिया है. कंपनी के फाउंडर Leif K-Brooks ने करीब 14 सालों तक इस बिजनेस को चलाने के बाद इसे बंद करने का फैसला किया है.
सोशल मीडिया (Social Media) पर ढेर सारा वक्त बिताने वाले युवाओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. वीडियो चैटिंग की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म Omegle ने अपने बिजनेस बंद कर दिया है. कंपनी के फाउंडर Leif K-Brooks ने करीब 14 सालों तक इस बिजनेस को चलाने के बाद इसे बंद करने का फैसला किया है. जी हां, ये वही प्लेटफॉर्म है, जहां पर अनजान लोग एक दूसरे से वीडियो चैट (Video Chat with Strangers) कर सकते हैं. बहुत सारे लड़के-लड़कियां रात-रात भर इस पर वीडियो चैटिंग किया करते हैं. हालांकि, इस प्लेटफॉर्म को लेकर बहुत सारे सवाल भी उठते रहे हैं.
क्यों बंद किया Omegle?
Leif K-Brooks ने कहा कि Omegle फाइनेंशियल और साइकोलॉजिकल दबाव झेल रहा था, जिसके चलते इसे बंद करने का सख्त कदम उठाना पड़ा. इसे बंद करने की एक बड़ी वजह ये भी है कि कोरोना काल में इसका खूब इस्तेमाल हुआ और यह तेजी से लोकप्रिय हुआ, लेकिन उसकी दौरान इस प्लेटफॉर्म पर गाली-गलौज, बच्चों के शोषण और भेद-भाव जैसे मामलों के चलते इस प्लेटफॉर्म की खूब आलोचना हुई. बता दें कि इस प्लेटफॉर्म पर लोग गंदी-गंदी बातें करते हुए वीडियो चैट करते थे और बहुत सारे लोगों के वीडियो रिकॉर्ड कर के उनकी मर्जी के बिना उन्हें ऑनलाइन डाला जा रहा था. इन सबकी वजह से भी इस प्लेटफॉर्म पर उंगलियां उठ रही थीं.
कंपनी पर चल रहा था लीगल केस
यह प्लेटफॉर्म एक लीगल मामले में भी फंस गया था, जहां एक अमेरिकन लड़की ने कंपनी पर केस करते हुए कहा था कि जब वह एक बच्ची थीं, तो यह प्लेटफॉर्म उन्हें अलग-अलग पीडोफाइल लोगों को सजेस्ट करता था. Omegle की लीगल टीम का कहना था कि वेबसाइट ऐसी किसी भी घटना की जिम्मेदारी नहीं लेती है. कंपनी पर इस तरह के कई सवाल उठे, जो लोगों की सुरक्षा पर एक बड़ा खतरा बन रहे थे. इस प्लेटफॉर्म का बहुत ज्यादा गलत इस्तेमाल किया जा रहा था. इन सबकी वजह से कंपनी को अपना ये बिजनेस बंद करना पड़ा है. कंपनी ने वेबसाइट को बंद करते हुए अपनी सारी बात वहां लिखी है.
सुरक्षित दुनिया बनाना चाहते थे, बन गया अपराधियों का ठिकाना!
Leif K-Brooks ने बचपन में एक अकेलापन देखा था. वह एक छोटे से शहर में पले-बढ़े थे, बाकी दुनिया से दूर. जब उन्होंने अपनी युवावस्था के शुरुआत में इंटरनेट को समझा तो उन्हें अहसास हुआ कि इससे बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. 2009 में उन्होंने सिर्फ 18 साल की उम्र में यह प्लेटफॉर्म बनाया, ताकि लोग एक दूसरे से अपनी नॉलेज और आइडिया शेयर कर सकें, लेकिन इसका इस्तेमाल एक दूसरी ही ओर मुड़ता चला गया. उन्होंने उम्मीद की थी कि इंटरनेट एक सुरक्षित जगह बनेगी, लेकिन उन्हें इस बात का अहसास हुआ है कि कोई भी प्लेटफॉर्म, उनका खुद का भी, गंभीर अपराधों से नहीं बच सकता है.
कंपनी के फाउंडर कहते हैं कि वह हमेशा यही चाहते हैं कि अपराध और किसी भी इस्तेमाल के दुरुपयोग से लड़ा जा सके. उन्होंने बताया कि उनके प्लेटफॉर्म ने कानूनी एजेंसियों के साथ मिलकर अपराधियों को जेल की हवा खिलाने की पूरी कोशिश की. Omegle के जरिए ऐसे बहुत सारे लोगों का पता चला जो बच्चों का शोषण करते थे और उन्हें सलाखों के पीछे भेजने का काम किया, क्योंकि प्लेटफॉर्म उनके खिलाफ सबूत जमा करते हुए अधिकारियों को सूचित किया. हालांकि, इन सबके बावजूद इस प्लेटफॉर्म का बहुत सारे लोगों ने गलत इस्तेमाल किया. यही वजह है कि अब नवंबर 2023 में इस प्लेटफॉर्म को बंद करना पड़ रहा है.