Startup Scam: मॉडल नहीं स्कैमर है ये लड़की, जानिए कैसे किया ₹32000 करोड़ का Cryptocurrency Fraud
बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा (Ruja Ignatova) ने साल 2014 में क्रिप्टोकरंसी वनकॉइन की शुरुआत की थी. देखते ही देखते लाखों लोगों ने रुजा इग्नातोवा के वनकॉइन में ढेर सारे पैसे लगा दिए, लेकिन एक दिन पता चला कि यह स्टार्टअप तो दरअसल एक स्कैम (OneCoin Cryptocurrency Scam) था.
आज के वक्त में आए दिन कोई ना कोई स्टार्टअप शुरू हो रहा है. हर स्टार्टअप का अपना एक यूनीक इनोवेटिव आइडिया होता है. आज से करीब 9 साल पहले भी एक यूनीक और इनोवेटिव स्टार्टअप (Startup) शुरू हुआ था, जिसका नाम था वनकॉइन. ये वही वक्त था, जब बिटकॉइन (Bitcoin) ने लोकप्रियता हासिल करनी शुरू की थी. मौके का फायदा उठाते हुए बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा (Ruja Ignatova) ने वनकॉइन की शुरुआत कर दी. देखते ही देखते लाखों लोगों ने रुजा इग्नातोवा के वनकॉइन में ढेर सारे पैसे लगा दिए, लेकिन एक दिन पता चला कि यह स्टार्टअप तो दरअसल एक स्कैम (OneCoin Cryptocurrency Scam) था. रुजा ने निवेशकों को करीब 4 अरब डॉलर यानी लगभग 32 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया. ये अब तक का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरंसी स्कैम (Biggest Cryptocurrency Scam) है. Startup Scam सीरीज के दूसरे अंक में आइए जानते हैं रुजा की कहानी.
रुजा का गुनाह कितना बड़ा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) ने रुजा इग्नातोवा को अपनी टॉप-10 मोस्ट वॉन्टेड (Most Wanted) की लिस्ट में शामिल किया है. 2017 के करीब गायब हुई रुजा इग्नातोजा अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगी है. हालात तो ऐसे हैं कि रुजा की जानकारी देकर उसको गिरफ्तार करवाने वाले को 1 लाख डॉलर का इनाम तक दिए जाने की घोषणा की गई है. आइए जानते हैं इस स्टार्टअप स्कैम की पूरी कहानी.
बिटकॉइन से भी बड़ी क्रिप्टोकरंसी!
दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो फ्रॉड बुल्गारिया की रुजा इग्नातोवा ने किया था. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी रुजा ने पीएचडी भी की हुई है और उनका दिमाग बहुत तेज था. हालांकि, अपने तेज दिमाग का इस्तेमाल रुजा ने गलत कामों के लिए किया. रुजा ने यूके में अपनी एक कंपनी बनाई और साल 2014 में एक क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत की. इस क्रिप्टोकरंसी का नाम रुजा ने वनकॉइन रखा, जो बाद में एक स्कैम साबित हुआ. रुजा सबको बताती थीं कि वनकॉइन क्रिप्टोकरंसी बहुत सुरक्षित है और इसके लिए केवाईसी भी होती है. उन्होंने ये भी बताया कि वनकॉइन में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, जिससे पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और इसका इस्तेमाल किसी गलत काम में ना हो. सबसे बड़ी बात तो ये थी कि रुजा हर जगह ये दावा करती थीं कि वनकॉइन आने वाले कुछ सालों में बिटकॉइन से भी बड़ी क्रिप्टोकरंसी बन जाएगा.
वनकॉइन के प्रमोशन में झोंक दी ताकत
रुजा ने वनकॉइन के प्रमोशन के लिए हर तरीका इस्तेमाल किया. वह जगह-जगह इवेंट करने लगीं, वबिनार करने लगीं और वनकॉइन को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करने लगीं. वह बार-बार ये कहती थीं कि आने वाले सालों में लोग बिटकॉइन को भूल जाएंगे और वनकॉइन उससे ज्यादा पॉपुलर हो जाएगा. वनकॉइन के प्रमोशन के लिए रुजा ने मल्टीलेवल मार्केटिंग के इंफ्लुएंशर्स से भी मीटिंग की. फोर्ब्स मैगजीन में एक ऐसा पेड प्रमोशन किया, जो देखने में ऐसा लगा मानो फोर्ब्स मैगजीन ने वनकॉइन को जगह दी हो. देखते ही देखते हर कोई वनकॉइन के जाल में फंसने लगा और पूरी दुनिया में लोकप्रियता बटोरने लगा, जिससे खूब निवेश आने लगा.
दुनिया भर से आने लगे अरबों रुपये!
वनकॉइन इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गया कि इसमें चीन, यूके, दक्षिण अफ्रीका समेत भारत तक के लोगों ने पैसे लगा दिए. अफ्रीका में तो कई लोगों ने अपनी जमीन और जानवर तक बेचकर इसमें पैसा लगाया, ताकि तगड़ा रिटर्न मिल सके. मल्टीलेवल मार्केटिंग लीडर्स को जो कमीशन मिलता था, वह उसे भी तगड़े रिटर्न के चक्कर में वनकॉइन में ही लगाने लगे.
कुछ लोगों को हुआ शक तो खुलने लगी पोल
एक तरफ वनकॉइन तेजी से लोकप्रिय हो रहा था, लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोगों को यह संदिग्ध लग रहा था. कई लोग सोशल मीडिया पर वनकॉइन पर सवाल भी खड़े कर रहे थे. ऐसे में रुजा को भी चिंता होने लगी, क्योंकि लोग वनकॉइन पर शक करने लगे थे. रुजा ने तय किया कि वह पुर्तगाल में अक्टूबर 2017 में एक इवेंट के जरिए लोगों के सभी सवालों के जवाब देंगी. इसी इवेंट में रुजा ये भी बताने वाली थीं कि लोग कब वनकॉइन को कैश में बदल पाएंगे. इधर लोग रुजा इग्नातोवा का इंतजार करते रहे और उधर करीब 35 साल की रुजा करीब 4 अरब डॉलर का फ्रॉड कर के फरार हो गई. रुजा के साथ इस स्कैम में बहुत सारे लोग थे, जिनकी गिरफ्तारी हुई, लेकिन आज तक रुजा का कोई पता नहीं चला. सब हैरान हैं कि रुजा इग्नातोवा कहां गायब हो गई.
लोगों को ठगने के मकसद से बनाया गया था वनकॉइन
छानबीन में पता चला कि असल में वनकॉइन कोई क्रिप्टोकरंसी थी ही नहीं. ना ही उसमें क्रिप्टोकरंसी की तरह कोई माइनिंग होती थी. बार-बार रुजा इग्नातोवा दावा करती थीं कि वनकॉइन में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हो रहा था. इसके लिए सिर्फ एसक्यूएल सर्वर का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसके चलते पैसे सुरक्षित होने का दावा पूरी तरह से झूठा था. देखा जाए तो वनकॉइन एक फर्जी प्रोडक्ट था, जिसकी शुरुआत की लोगों को ठगने के मकसद से की गई थी. जैसे ही वह मकसद पूरा हुआ, रातों-रात रुजा इग्नातोवा ऐसी गायब हुई कि आज तक दुनिया भर में उसे कहीं भी नहीं ढूंढा जा सका है. माना जा रहा है कि उसने प्लास्टिक सर्जरी करवाकर अपनी पहचान ही बदल ली होगी.
यहां पढ़ें Startup Scam सीरीज की पिछली कहानी-