हर Startup को नहीं मिलता DPIIT Recognition, इन 5 शर्तों को करना होता है पूरा, मिलते हैं कई फायदे
जो स्टार्टअप इस DPIIT के तहत रजिस्टर्ड होते हैं, उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से बहुत सारे फायदे मिलते हैं. हालांकि, ये इतना आसान नहीं है. हर स्टार्टअप इसके लिए रजिस्टर नहीं हो सकता है. इसके तहत स्टार्टअप को रजिस्टर कराने के लिए उसे कुछ पैमानों पर खरा उतरना पड़ता है.
अगर आप भी कोई स्टार्टअप (Startup) शुरू करने की सोच रहे हैं या फिर कोई स्टार्टअप चला रहे हैं तो स्टार्टअप इंडिया (Startup India) का हिस्सा बनने के बारे में जरूर सोचा होगा. इसके लिए आपको DPIIT Recognition हासिल करना होगा. इसके तहत आपको अपने स्टार्टअप को Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) पर रजिस्टर करवाना होता है. जो स्टार्टअप इस DPIIT के तहत रजिस्टर्ड होते हैं, उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से बहुत सारे फायदे मिलते हैं. हालांकि, ये इतना आसान नहीं है. हर स्टार्टअप इसके लिए रजिस्टर नहीं हो सकता है. इसके तहत स्टार्टअप को रजिस्टर कराने के लिए उसे कुछ पैमानों पर खरा उतरना पड़ता है.
पहले जानिए क्या फायदा होता है इससे
स्टार्टअप इंडिया के तहत DPIIT पर रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को सबसे बड़ा फायदा तो ये होता है कि शुरुआती 10 सालों में लगातार 3 साल तक स्टार्टअप को टैक्स में छूट मिलती है. इसके अलावा कई सारी औपचारिकताओं से भी वह स्टार्टअप बच जाता है. वहीं उसके लिए बिजनेस से जुड़े तमाम काम आसान हो जाते हैं, कोई बहुत सारे रेगुलेशन से उसे छूट मिलती है. यही वजह है कि हर स्टार्टअप चाहता है कि वह भी इसके तहत रजिस्टर हो सके. स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट के अनुसार मौजूदा वक्त में 99,380 स्टार्टअप DPIIT के तहत रजिस्टर्ड हैं.
क्या होनी चाहिए योग्यता?
DPIIT के तहत अपने स्टार्टअप को रजिस्टर करने के लिए सबसे पहले आपके बिजनेस को Startup होने के पैमानों पर खरा उतरना जरूरी है. वैसे तो आज के वक्त में हर बिजनेस खुद को स्टार्टअप कहने लगा है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. आइए जानते हैं स्टार्टअप इंडिया के तहत स्टार्टअप किन बिजनेस को माना जाता है.
1- कंपनी की उम्र
स्टार्टअप इंडिया के तहत रजिस्टर होने के लिए आपके बिजनेस को स्टार्टअप तभी माना जा सकता है, अगर उसकी उम्र 10 साल से अधिक ना हो.
2- कंपनी का टाइप
अगर आपकी कंपनी एक Private Limited Company, Registered Partnership Firm या Limited Liability Partnership है, तभी उसे स्टार्टअप इंडिया के तहत रजिस्टर होने के लिए योग्य माना जाएगा.
3- सालाना टर्नओवर
एक स्टार्टअप होने के लिए आपके बिजनेस का टर्नओवर किसी भी साल में 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए.
4- ओरिजनल एंटिटी
कई बार सिर्फ स्टार्टअप इंडिया के तहत मिलने वाले फायदों को हासिल करने के लिए कुछ बिजनेस एक अलग ब्रांड शुरू करते हैं और उसे स्टार्टअप इंडिया के तहत रजिस्टर कराना चाहते हैं. स्टार्टअप इंडिया के तहत रजिस्टर होने की योग्यताओं में से एक ये भी है कि आपका बिजनेस बिल्कुल ओरिजनल होना चाहिए, ना कि किसी पहले से चल रहे बिजनेस से ही एक हिस्सा अलग कर के उसे स्टार्टअप बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
5- इनोवेटिव और स्केल करने लायक
आपका बिजनेस इनोवेटिव होना चाहिए, जो प्रोडक्ट या सर्विस में डेवलपमेंट करे या फिर उसे पहले से बेहतर बनाने का काम करे. साथ ही ये भी जरूरी है कि आपका बिजनेस तेजी से स्केल करने यानी बड़ा होने की ताकत रखता हो, जो ढेर सारी वेल्थ बनाए और रोजगार मुहैया कराए.