यूं ही नहीं सरकार कर रही DPIIT Recognition को प्रमोट, Tax बचाने समेत Startups को होते हैं ये 7 फायदे
Written By: अनुज मौर्या
Sun, May 19, 2024 10:09 AM IST
इन दिनों स्टार्टअप ईकोसिस्टम (Startup Ecosystem) को प्रमोट करने के लिए स्टार्टअप इंडिया (Startup India) की तरफ से DPIIT Recognition हासिल करने के लिए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया जा रहा है. हर किसी को यह हासिल नहीं होता, क्योंकि इसके लिए आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं. हालांकि, जो स्टार्टअप इस DPIIT के तहत रजिस्टर्ड होते हैं, उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से बहुत सारे फायदे मिलते हैं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इससे क्या-क्या फायदे होते हैं स्टार्टअप को? आइए जानते हैं 7 फायदों के बारे में.
1/7
1- Angel Tax में छूट
हाल ही में CBDT ने टैक्स अधिकारियों के लिए एंजेल टैक्स से जुड़े कुछ अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके बाद ब टैक्स (Tax) अधिकारी नए एंजल टैक्स नियमों के तहत उन स्टार्टअप की तरफ से जुटाए फंड की स्क्रूटनी नहीं कर सकेंगे, जो DPIIT रिकॉग्नाइज्ड हैं. यानी पहला फायदा तो यही है कि DPIIT Recognition वाले स्टार्टअप की फंडिंग की स्क्रूटनी नहीं होगी. इस तरह एंजेल टैक्स में छूट मिलना पहला फायदा है. बता दें कि स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक 99,380 स्टार्टऐप ऐसे हैं, जो DPIIT रिकॉग्नाइज्ड हैं.
2/7
2- 80-IAC के तहत 3 साल तक टैक्स से छूट
TRENDING NOW
3/7
3- सेक्शन 56 के तहत छूट
4/7
4- आसान होगा श्रम और पर्यावरण कानून के लिए सर्टिफिकेशन
स्टार्टअप्स को आसान ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए 6 श्रम कानून और 3 पर्यावरणीय कानूनों के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन की अनुमति होगी. यानी काम आसानी से होगा, जिससे स्टार्टअप को अपने बिजनेस पर फोकस करने में मदद मिलेगी. श्रम कानूनों के मामले में 5 साल तक कोई निरीक्षण नहीं किया जाएगा. स्टार्टअप्स का निरीक्षण केवल तभी किया जा सकता है, जब उल्लंघन की कोई शिकायत लिखित रूप में की जाएगी. हालांकि, यह शिकायत निरीक्षण अधिकारी से कम से कम एक स्तर ऊपर के अधिकारी द्वारा स्वीकार की गई होनी चाहिए. वहीं पर्यावरण कानून के मामले में जो स्टार्टअप ‘वाइट केटेगरी’ (जैसा कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीबी) की तरफ से परिभाषित किया गया है) में आते हैं, वह स्व-प्रमाणित अनुपालन के लिए समर्थ होंगे और ऐसे मामलों में केवल कभी-कभी जांच की जाएगी.
5/7
5- स्टार्टअप पेटेंट एप्लिकेशन में फायदा
स्टार्टअप की तरफ से फाइल किए गए पेटेंट एप्लीकेशन को एग्जामिनेशन के लिए फास्ट-ट्रैक किया जाएगा, ताकि उनकी वैल्यू जल्द से प्राप्त की जा सके. केंद्र सरकार किसी स्टार्टअप की तरफ से फाइल किए जाने वाले किसी भी पेटेंट, ट्रेडमार्क या डिजाइन के लिए सुविधा प्रदाताओं की पूरी फीस देगी. वहीं स्टार्टअप को सिर्फ वैधानिक शुल्क (Statutory Fees) देना होगा. अन्य कंपनियों की तुलना में पेटेंट फाइल करने में स्टार्टअप को 80% छूट दी जाएगी.
6/7
6- सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर प्रोडक्ट लिस्ट करने का मौका
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) एक ऑनलाइन खरीद प्लेटफॉर्म है, जो प्रोडक्ट और सर्विस पाने के लिए सरकारी विभागों के लिए सबसे बड़ा मार्केटप्लेस है. डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप विक्रेताओं के रूप में जीईएम पर रजिस्टर हो सकते हैं और अपने उत्पादों और सेवाओं को सीधे सरकारी संस्थाओं को बेच सकते हैं. यह स्टार्टअप के लिए सरकार के साथ ट्रायल ऑर्डर पर काम करने का एक बेहतरीन अवसर है.
7/7