सब रेडी था.. उड़ने ही वाला था रॉकेट.. लेकिन 92 सेकेंड पहले रोकी लॉन्चिंग, कंपनी ने बताया आखिर क्या हुई गड़बड़
चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) ने रविवार को तीसरी बार रॉकेट लॉन्च रोक दिया है. कुछ तकनीकी वजहों का हवाला देते हुए स्टार्टअप ने उड़ान भरने से लगभग 92 सेकंड पहले अग्निबाण उप-कक्षीय रॉकेट के लॉन्च को रोका.
चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) ने रविवार को तीसरी बार रॉकेट लॉन्च रोक दिया है. कुछ तकनीकी वजहों का हवाला देते हुए स्टार्टअप ने उड़ान भरने से लगभग 92 सेकंड पहले अग्निबाण उप-कक्षीय रॉकेट के लॉन्च को रोका. बता दें कि इस रॉकेट को अपनी पहली उड़ान भरनी थी. मार्च 2022 के बाद से यह रविवार को अग्निबाण ‘सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर’ की टेस्ट लॉन्चिंग की तीसरी कोशिश थी.
इस रॉकेट की परीक्षण उड़ान पहली बार श्रीहरिकोटा में इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में ‘अग्निकुल लॉन्च पैड’ पर आयोजित होने वाली थी. शनिवार सुबह 7:45 बजे परीक्षण उड़ान का दूसरा प्रयास भी सफल नहीं हो सका. अग्निकुल ने कहा कि अग्निबाण रॉकेट को रविवार सुबह 5:30 बजे प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन इसे साढ़े सात बजे तक के लिए टाल दिया गया.
कंपनी ने बताया क्या हुई गड़बड़
कंपनी ने इस बारे में एक ट्वीट करते हुए कहा कि Agnibaan SOrTeD की लॉन्चिंग को रोकना पड़ा है. कंपनी ने बताया कि रॉकेट के दो हार्डवेयर के बीच कम्युनिकेशन की दिक्कत आ रही है, जिसके चलते लॉन्चिंग को रोकना पड़ा है. कंपनी ने कहा कि भले ही लॉन्चिंग के इतने नजदीक आकर सब कुछ रोकना पड़ा, लेकिन अच्छी बात ये है कि ऑटोमेटेड लॉन्च सीक्वेंस (ALS) ने अपना काम अच्छे से किया. हम समस्या की जड़ तक पहुंच कर जल्द ही उसे ठीक करेंगे और फिर वापस आएंगे. हमेशा की तरह हमें सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद.
300 किलो पेलोड ले जा सकता है ये रॉकेट
अग्निकुल ने आगे कहा कि बाद में निर्धारित समय से 92 सेकंड पहले रॉकेट की प्रक्षेपण उड़ान रोक दी गई. नवंबर 2022 में स्टार्टअप स्काईरूट एरोस्पेस के विक्रम-एस उपकक्षीय रॉकेट के प्रक्षेपण के बाद अग्निकुल भारत का दूसरा निजी रॉकेट प्रक्षेपित करना चाहता है. कंपनी के अनुसार, अग्निबाण दो चरणों वाला एक प्रक्षेपण यान है जो 300 किलोग्राम तक का पेलोड कक्षा में लगभग 700 किलोमीटर तक ले जा सकता है.