Shark Tank India में आ चुके स्टार्टअप (Startup) धरक्षा ईकोसॉल्यूशन्स (Dharaksha Ecosolutions) ने हाल ही में एक बड़ी फंडिंग उठाई है. बायोटेक पर फोकस करने वाले इस R&D स्टार्टअप ने Avaana Capital की अगुवाई में 24.8 करोड़ रुपये की फंडिंग उठाई है. इस स्टार्टअप ने इससे पहले 5.22 लाख डॉलर यानी करीब 4.37 करोड़ रुपये की फंडिंग उठाई है. यह पैसे कंपनी ने LetsVenture की अगुआई में कुछ अन्य निवेशकों से उठाए हैं.

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कंपनी इन पैसों का इस्तेमाल कर के अपने प्रोडक्शन को बढ़ाना चाहती है. साथ ही कंपनी अपने रिसर्च और डेवलपमेंट को बेहतर बनाने की कोशिश करेगी. कंपनी सस्टेनेबल पैकेजिंग मार्केट में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है.

दो दोस्तों ने शुरू किया ये स्टार्टअप

धरक्षा की शुरुआत दिल्ली में रहने वाले अर्पित धूपर ने गुरुग्राम में रहने वाले अपने दोस्त आनंद बोध के साथ मिलकर की है. अर्पित और आनंद दोनों के बीच करीब 15 साल पुरानी दोस्ती है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान दोनों साथ ही रहा करते थे. इसके बाद अर्पित ने आईआईटी दिल्ली से 'डिजाइन ऑफ मशीन एलिमेंट' का कोर्स किया. 

वहीं दूसरी ओर, आनंद बोध ने साइकोलॉजी की पढ़ाई की है. दोनों ही दोस्तों की उम्र अभी करीब 31 साल है. अर्पित कहते हैं कि दिल्ली-एनसीआर के आस-पास के इलाकों में हर साल 3-4 करोड़ टन पराली जला दी जाती है. इतना धुआं जितना 12 करोड़ गाड़ियां 1 साल में करेंगी. दुनिया के टॉप 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 15 भारत में हैं.

ग्रेजुएशन करने के बाद अर्पित को इस बात का अहसास हुआ कि वह दुनिया के उन टॉप 2-3 फीसदी लोगों में से हैं, जिन्हें सब कुछ मिला है. उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें अच्छी एजुकेशन भी मिली है. ऐसे में अर्पित के मन में ये बात आई कि उन्हें इस सोसाएटी को कुछ लौटाना है. वह कभी ये नहीं चाहते थे कि ढेर सारे पैसे कमाकर कुछ दान दे दें, बल्कि वह ये चाहते थे कि किसी और तरीके से समाज का भला किया जाए. वह अपने एजुकेशन से जुड़ा हुआ ही कुछ कर के समाज को कुछ देना चाहते थे और इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने धरक्षा की शुरुआत की.

शार्क टैंक में जा चुका है ये स्टार्टअप

अर्पित और आनंद ने शार्क टैंक इंडिया में तमाम जज को कई बार हैरान किया. सबसे पहले तो जज इसी बात से हैरान हो गए कि वह अपनी कंपनी की एक फीसदी इक्विटी महज 1250 रुपये में देने के लिए तैयार हो गए. यह शेयर फेस वैल्यू पर देने का ऑफर दिया. साथ ही उन्होंने शार्क्स के 100 घंटे मांगे. आखिरकार ये डील एक अलग तरह से फाइनल हुई. इसके तहत धरक्षा को 3 महीनों में 10 घंटे यानी हर शार्क के 2 घंटे मिले. 

इसके बाद तय हुआ कि जो भी क्लेम किए वह सही हैं और डेट यानी कर्ज जुटा लेते हैं तो उनकी डिमांड के बाकी घंटे भी मिल जाएंगे. इसके बाद जो भी अगला राउंड होगा, उसमें शार्क को निवेश के लिए 20 फीसदी डिस्काउंट मिलेगा. धरक्षा को शार्क टैंक में ऑल-5 शार्क डील मिली, जिसमें अमन गुप्ता, अनुपम मित्तल, विनीता सिंह, रितेश अग्रवाल और पीयूष बंसल शामिल रहे. अमन गुप्ता तो इन फाउंडर्स से इतना इंप्रेस हो गए कि बोल पड़े- 'भाई तेरा कॉन्फिडेंस तो सॉलिड है, क्या बंदा है यार तू, मैंने ऐसे बंदे नहीं देखे, मैं शार्क टैंक पर 200 पिच देख चुका है, तेरे जैसे बंदे नहीं देखे.'