शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जो ट्रेकिंग करने वालों को फोकस करता है. इस स्टार्टअप का नाम है TRIPOLE GEARS, जिसकी शुरुआत 2017 में दिल्ली के रहने वाले रोहन खंडूजा ने की है. यह स्टार्टअप ट्रेकिंग करने वालों को ध्यान में रखते हुए रकसैक, बैकपैक और जैकेट जैसे कुछ अपैरल बनाता है. इनके रकसैक में स्पेशल अटैचमेंट के लिए जगह, बैक को सपोर्ट करने का इंतजाम और काफी कुछ है.

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घूमने के शौकीन लोगों को इस स्टार्टअप के प्रोडक्ट काफी पसंद आ सकते हैं. फाउंडर ने कहा कि उनके प्रोडक्ट अफॉर्डेबल भी हैं. इनके रकसैक की कीमत 3100-3300 के बीच है, जिन पर 5 साल की गारंटी भी है. रोहन ने इस कंपनी की शुरुआत एक छोटे से कमरे की थी और आज उनकी दो फैक्ट्रियां हैं. वह सारे प्रोडक्ट इनहाउस मैन्युफैक्चर करते हैं. यहां तक कि वह अपने प्रोडक्ट्स इंटरनेशनल मार्केट में भी बेचते हैं. 

2017 में वापस आ गए भारत

रोहन ने दिल्ली से अपनी स्कूलिंग की. इसके बाद उन्होंने बिट्सपिलानी के गोवा कैंपस से इंजीनियरिंग की. वहां से उनका प्लेसमेंट जेपी मॉर्गन में हो गया, जहां वह एक इन्वेस्टमेंट बैंकर की तरह काम कर रहे थे. 6-7 महीने वह रियाद में थे, लेकिन 2017 में वह भारत वापस आ गए.

2016 में ट्रेकिंग से हो गया प्यार

रोहन को ट्रेकिंग से प्यार हुआ 2016 में, जब वह हिमाचल के धर्मशाला गए. वहां से जब वह वापस आए तो उन्होंने अपने दोस्तों को भी इस बारे में बताया और ट्रेकिंग को आगे बढ़ाने की सोची. सारे दोस्त मिलकर एवरेस्ट बेस कैंप गए. उस दौरान उन्हें काफी कुछ खरीदना पड़ा, जिससे उन्हें लगा कि मार्केट में एक गैप है और वह इन चीजों का बिजनेस कर सकते हैं, जो ट्रेकिंग करने वालों के काम आएं.

20 करोड़ रुपये तक की सेल!

कंपनी के पास अभी 250 एसकेयू हैं. फाउंडर का कहना है कि उनके कुछ प्रोडक्ट आर्मी भी खरीदती है. कंपनी का बिजनेस ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मार्केट में है. इनका 20 फीसदी बिजनेस इंटरनेशनल है, जबकि 80 फीसदी बिजनेस डोमेस्टिक है. कंपनी ने 2022-23 में 11 करोड़ रुपये की सेल की, जबकि 2023-24 में 14.2 करोड़ रुपये की सेल की. इस साल कंपनी का टारगेट करीब 20 करोड़ रुपये की सेल टच करने का है. कंपनी की 70 फीसदी सेल रकसैक से, 10 फीसदी बैकपैक से और बाकी सेल अन्य चीजों से आती है.

बूटस्ट्रैप्ड है ये कंपनी

यह एक बूटस्ट्रैप्ड कंपनी है, जिसके फाउंडर ने 1 करोड़ रुपये के बदले 1 फीसदी इक्विटी देने का ऑफर दिया. इस कंपनी को शुरू करने के लिए रोहन ने अपनी सेविंग्स के 15 लाख रुपये लगाए थे. इस डील से अमन और अनुपम आउट हो गए. वहीं विनीता ने 50 लाख के बदले 1 फीसदी और 50 लाख का कर्ज देने का ऑफर दिया. उन्होंने एक दूसरा ऑफर ये दिया कि 1.5 फीसदी के बदले 1 करोड़ और 1 फीसदी रॉयल्टी. 

रितेश ने दी 1 करोड़ की फंडिंग

कुणाल ने 3 करोड़ रुपये के बदले 7.5 फीसदी इक्विटी मांगी. इनके अलावा रितेश ने 60 लाख रुपये के बदले 1 फीसदी इक्विटी और 40 लाख का कर्ज देने का ऑफर दिया. फाउंडर ने थोड़ा सोच कर एक काउंटर ऑफर दिया, लेकिन अंत में रितेश ने एक बार फिर से 1.15 फीसदी इक्विटी के बदले 75 लाख रुपये और 5 साल के लिए 9 फीसदी की दर पर 25 लाख रुपये का लोन  ऑफर किया, जिसे फाउंडर ने एक्सेप्ट कर लिया.